सिहोरा : यहां प्रस्तावित पुलिस चौकी के लिए नहीं मिल रही जमीन, लेकिन भूमाफिया पर मेहरबान प्रशासन
सिहोरा : यहां प्रस्तावित पुलिस चौकी के लिए नहीं मिल रही जमीन, लेकिन भूमाफिया पर मेहरबान प्रशासन
- गांधीग्राम क्षेत्र में सैकड़ों एकड़ जमीन शासकीय मद में दर्ज
- साल भर बाद भी पुलिस चौकी के लिए जमीन तलाश नहीं पाया प्रशासन और पुलिस का अमला
- भू माफिया ने प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से कई सरकारी जमीनों पर कर रखा है कब्जा
द लोकनीति डेस्क सिहोरा
गांधीग्राम (बुढ़ागर) में यूं तो सैकड़ों एकड़ शासकीय जमीन है, जो शासन के नाम पर दर्ज है। मगर शासन प्रशासन के काम के लिए नहीं बल्कि प्रशासनिक सांठगांठ से उक्त जमीन खुर्द -बुर्द करके भू माफियाओं एवं खनन माफियाओं को नजराना स्वरूप जिम्मेदार प्रशासन के लोग चंद इनाम के बदले करोड़ों की उक्त भूमि हथियाने में मदद कराते हैं । गांधीग्राम में हाईवे पुलिस चौकी के लिए लगभग 2 एकड़ जमीन चाहिए, जिसमें एक्सीडेंट होने वाले वाहनों को हटाने के लिए क्रेने रखी जाएंगी । साथ ही उक्त पुलिस चौकी में पुलिस कार्यवाही में पकड़े गए वाहनों एक्सीडेंट वाहनों कंटेनर भारी ट्राला एवं एंबुलेंस आदी के लिए काफी जगह की आवश्यकता होगी, इसलिए उक्त पुलिस हाईवे चौकी बनाने के लिए लगभग 2 एकड़ जमीन की आवश्यकता है।
हाईवे पर पुलिस चौकी खुलने पर ग्रहण
गांधीग्राम क्षेत्र खनिज संपदा में पूरे जिले में अपनी विशिष्ट पहचान रखता है, जिसमें यहां बड़े पैमाने पर मैग्नीज आयरन ओर ब्लू डस्ट बाक्साइड के साथ-साथ स्थानीय हिरण और बरने नदी से बड़े पैमाने पर रेत का खनन परिवहन व भंडारण होता है, जिसके वैध खनन से जहां शासन प्रशासन को करोड़ों अरबों रुपया का सालाना राजस्व प्राप्त होता है, वही हजारों बेरोजगारों को रोजगार मिलता है। वहीं अवैध खनन करने वालों को काली कमाई करने का एक बड़ा अवसर मिलता है, जिस पर हाईवे पुलिस चौकी खुलने से ग्रहण लग सकता है।
खदानों से अवैध खनन व परिवहन कर दूसरे राज्यों में बेचा
मालूम रहे कि गांधीग्राम के साथ-साथ आसपास की दर्जनों खदानों से रोज सैकड़ों 10 पहिया 16 पहिया हाईवा ट्राला आदि से हजारों टन खनिज नागपुर रायपुर चंद्रपुर जमशेदपुर जयपुर जोधपुर कोलकाता विशाखापट्टनम भीलवाड़ा आदि जगह पर जाता है। अभी हाल ही में कोरोना संकट काल के लाक डाउन के दिनों में ब्रोकन हिल माइनिंग कंपनी द्वारा लगभग 200 करोड़ रूपयों का अवैध खनिज गांधीग्राम क्षेत्र की केवलारी धमकी चन्नौटा आदि खदानों से अवैध खनन व परिवहन कर दूसरे राज्यों में बेचा गया था। जिसमें जिला कलेक्टर जबलपुर द्वारा लगभग 90 करोड का जुर्माना भी किया गया है।
ऐसे करते हैं करोड़ों की शासकीय भूमि पर भूमाफिया कब्जा
गांधीग्राम बाईपास धमकी और रामपुर टोला आदि की बेशकीमती करोडों कि शासकीय जमीन से लगी 2-4 डिसमिल या आधा एकड़ आदि निजी भूमि खरीद कर फिर उससे लगे कई एकड़ शासकीय रकवे पर कब्जा कर लेते हैं! क्योंकि राजस्व कर्मियों की सांठगांठ रहती है। जिससे शिकायत होने पर मामले को यह कहकर रफा-दफा कर दिया जाता है, कि वहां कोई शासकीय खसरा नहीं है वह उसकी निजी भूमि है। जिसे उसने फलां व्यक्ति से क्रय की है, ग्राम के अभय चौरसिया संतोष चक्रवर्ती प्रकाश चक्रवर्ती राजकुमार पाल दिलीप चौधरी सुग्रीव कोल शीतल कोल सोमनाथ कोल राहुल कोल आदि ने उक्त भू माफियाओं से शासकीय भूमि मुक्त कराने की मांग की है!
इनका कहना
गांधीग्राम में प्रस्तावित पुलिस चौकी का प्रकरण मेरे न्यायालय में विचाराधीन है, मैं शीघ्र ही उसे दिखा कर शासन से पुलिस चौकी बनवाने हेतु भूमि उपलब्ध कराने का प्रयास करूंगा, साथ ही उक्त भूमि पर काबिज भूमाफिया को चिन्हित कर हटाने की कार्यवाही की जाएगी ।
राकेश चौरसिया, तहसीलदार सिहोरा