ग्वालियर/भोपाल: किसानों पर सरकारों का अड़ियल रवैया, 3 हुए घायल !
ग्वालियर/भोपाल: किसानों पर सरकारों का अड़ियल रवैया, 3 हुए घायल !
ग्वालियर/भोपाल: राजकमल पांडे। केन्द्र से लेकर प्रदेश भर में तीनों नए कृषि बिल को किसानों पर जबरन थोपने का प्रयास जब असफल होता दिख रहा है, तो सरकारें अब पुलिस का सहारा लेकर प्रदर्शनकारियों पर लाठियां भांजना शुरू कर दिए हैं. कृषि कानून के विरोध में डबरा-भितरवार के किसान सोमवार को कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करने पहुंचे थे. जहां पुलिस ने किसानों की घेराबंदी के लिए बैरीकेड्स लगा रखे थे. जिसे किसानों ने हटाने का प्रयास किया तो पुलिस और किसानों के बीच हाथा-पाई हो गई जिसमें तीन किसान घायल भी हुए. किसान सोमवार शाम पांच बजे तक धरना देने के लिए अड़े थे डबरा और भितरवार से किसान केन्द्र सरकार द्वारा जारी किए गए तीन कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए कलेक्ट्रेट गए हुए थे. प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री के खिलाफ इस तरह का ग्वालियर मे पहला प्रदर्शन कहा जा रहा है, मतलब साफ है कि केन्द्र सरकार ने तीनों नए कृषि बिल लाकर देष के किसानों को सड़क में उतरने पर विवश कर दिया है. दरअसल ग्वालियर में हुए प्रदर्शन में पुलिस किसानों की भीड को तिरर-बिरर करने में लगी थी जोकि केन्द्र व राज्य सरकार के संभवतः आदेश होंगे.
राजधानी सहित कई जगह रहा चक्का जाम
कृषि कानून के खिलाफ भोपाल, सागर सहित प्रदेश भर के कई जिलों में सोमवार को किसानों ने चक्का जाम किया पर ज्यादा असरदार नहीं रहा, बावजूद इसके किसान तीनों नए कृषि बिल वापिस लेने पर अभी तक सड़कों में प्रदर्शन कर रहे हैं. अपितु सरकार कहती है कि यह किसान नहीं है यह विपक्ष की चाल है. मअसला यह है कि सरकार उक्त प्रदर्शनकारियों को किसान क्यों नहीं मानती है.