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धार :- कामलिया कीट पर प्रभावी रूप से कराए जा रहे हैं नियंत्रण के उपाय

धार :- कामलिया कीट पर प्रभावी रूप से नियंत्रण के उपाय

धार/मनीष आमले :– जिले के सभी विकासखण्डों में कामलिया कीट का प्रकोप वर्षा प्रारम्भ के 7 से 15 दिवस में प्रारम्भ हो जाता है लगातार वर्षा होने से यह कीट स्वतः ही नष्ट हो जाता है किन्तु कभी-कभी कम वर्षा होने से कीट की तीव्रता बढ जाती है। उप संचालक कृषि आर एल जमरे ने किसानों से अपील की है कि सामूहिक रूप से कामलिया कीट नियंत्रण हेतु इन उपायों से कामलिया कीट पर प्रभावी रूप से नियंत्रण किया जा सकेंगा। इनमें खेत के आसपास पलाश, खाखरा, मौथा, दूधी के पत्तो पर दिये गये अण्डो को नष्ट करें। लाइट टेªप लगावे, खेत के चारो और अलाव जलावें, इल्लियंों को पकड़कर घासलेट मिले पानी में डालकर नष्ट करें, कीट के चारो ओर एक से डेढ़ फीट की नाली खोदकर घासलेट का स्प्रे करें। इसी प्रकार नीम तेल 75 मि.ली. प्रति पंप के साथ 15 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें। नीम की पत्तियों को दस गुना पानी में 4-5 दिन छाॅव में रखें। पानी का रंग हरा पिला हो जाने पर एक लीटर प्रति पंप के हिसाब से स्प्रें करें। पाॅंच लीटर मठ्ठे में एक किलो नीम के पत्ते व धतुरे के पत्ते डालकर दस दिन तक सड़ाने के बाद मिश्रण को छानकर इसे 50 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रें करें। इसके अलावा क्लोरोपाइरीफाॅस 30 प्रतिशत ईसी या क्यूनालफाॅस 25 प्रतिशत ईसी दो एमएल प्रति लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें। कीट की अधिक तीव्रता होने पर  प्रोफेनोफास 40 प्रतिशत  साइपरमेथ्रीन 4 प्रतिशत प्रति लीटर दो एमएल पानी में मिलाकर स्प्रे करें।

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