Bhopal/ आपबीती : कंडम हालत में भी रोड पर दौड़ रही हैं BCCL की लाल बसें, बस और झूले में अंतर करना मुश्किल
- आधे बसों की स्थिति खराब
- नई बसों की कमी के चलते चल रही हैं कंडम बसें
Bhopal Desk, Gautam :- राजधानी भोपाल में चलने वाली लाल बसों की स्थिति सरकार के अलावा और किसी से छुपी नहीं है। यहाँ अलग-मार्गों पर BCCL द्वारा बसों को चलाया जा रहा है। इनमे से ज्यादातर बसें मेंटेनेंस न होने के चलते कंडम हो चुकी हैं। इन बसों में यात्रा करना अपने जान को खतरे में डालने के बराबर है। हालाँकि कई मार्गों पर नई बसें चलाई गईं हैं लेकिन कम बसें होने के कारण पुरानी खटारा बसों को ही धडल्ले से चलाया जा रहा है।
बस है की झूला
SR-5 रूट के बस में मेरा खुद का आना-जाना होता है। इस रूट में भी कई पुरानी बसों की स्थिति इतनी कंडम है कि गलती से अगर आप पीछे बैठ जाएँ तो आप चोटिल हो सकते हैं। कभी-कभी ब्रेकर पर डर लगता है कि कहीं आधी बस टूटकर पीछे ही न छूट जाए। बसों में न तो कोई CCTV और नाही GPS . यहाँ तक की आये दिन ये खराब होती रहती हैं लेकिन इससे सरकार को क्या कौनसे उनके मंत्री इसमें यात्रा करते हैं।
ड्राईवर तो मासा अल्लाह
एक भोपाल वासी होने के नाते आये दिन लाल बस में यात्रा करता हूँ। मुझे तो यह आज भी बस लगती है पर शायद ड्राईवर को ये बसें अब हवाई-जहाज़ प्रतीत होने लगी हैं। आये दिन इस बात मेरी बहस किसी न किसी ड्राईवर से हो जाती है। ब्रेकर देने का मतलब होता है आपके स्पीड में ब्रेक पर लाल बीएस के ड्राईवरों को ब्रेकर से कोई फर्क शायद ही पड़ता हो। ये ब्रेकर को जम्पर समझते है और उतने ही स्पीड से बीएस कुदाते भी हैं।
CCTV तो दूर की बात खिड़कियों के कांच तक नहीं है
यात्रियों के सफ़र को आसान बनाने के लिए बस में CCTV, GPS आदि लगवाये गए थे। लेकिन कुछ ही दिनों बाद या तो ये सारी सुविधायें बंद हो गयी या बंद कर दी गई। ऐसे में अब यात्रियों की सुरक्षा भगवान भरोसे ही हैं। क्योंकि ड्राईवर तो झूले वाले हैं।
नहीं है सही प्लानिंग
जब यात्रियों की भीड़ ज्यादा रहती है उस समय हर मिनट बस होना चाहिए लेकिन उसी समय बस कम रहती हैं। BCCL को इस बात की प्लानिंग करनी होगी की किस समय अवधि में बसों का संचलान ज्यादा होना चाहिए। कई बार यात्री बसों को लेकर शिकायत कर चुके हैं लेकिन ज़िम्मेदार लोगों के कान पर जू तक नहीं रेंग रही।