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युवकों ने लोगों से लाखों रुपए ठगे, खुद को बताते थे सेबी का डीजीएम

  • एसटीएफ की टीम ने तेलंगाना के पीड़ित की शिकायत के बाद आरोपियों को किया गिरफ्तार
  • दो मोबाइल, एक कार, डेबिट कार्ड, नकली चेक, लैपटॉप और 50 हजार रु. भी नकद जब्त किये 

इंदौर. इंदौर एसटीएफ ने दो ऐसे अपराधियों को गिरफ्तार किया है जो खुद को सेबी का डीजीएम निर्मल मेहरोत्रा बनकर लोगों के साथ ठगी कर रहे थे। इन्होंने तेलंगाना के साथ – साथ  गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भी ठगी की वारदात को अंजाम दिया। टीम ने इनके पास से दो मोबाइल, एक कार, डेबिट कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड, नकली चेक, लैपटॉप और 50 हजार रुपए नकद भी बरामद किया है। जबकि दोनों आरोपी 12वीं तक ही पढ़े हुए हैं।
        
एसटीएफ एसपी पद्मविलोचन शुक्ला ने बताया राजकुमार नन्दी निवासी रामचन्द्रपुरम हैदराबाद तेलंगाना ने सेबी इंदौर को शिकायत की थी| इंदौर के एक व्यक्ति ने खुद को सेबी का अधिकारी बताते हुए पूर्व में उसके द्वारा प्रीमियम रिसर्च फायनेंसियल सर्विस नाम की एडवाइजरी में किए गए 1 लाख 90 हजार रुपए के निवेश की वापसी के लिए जीएसटी की राशि रुपए 54 हजार खुद के पंजाब नेशनल बैंक के खाते में जमा करवाते हुए फर्जी चेक का प्रलोभन देकर धोखाधड़ी की। 

इस पर टीम ने केस दर्ज कर आरोपी मिहिर पिता राजनारायण हार्डिया निवासी हीरानगर और यौवन पिता सुभाष विश्वकर्मा निवासी पलधुना उज्जैन को कार सहित गिरफ्तार कर लिया |  शुक्ला ने जानकारी दी कि दाेनों आरोपी इंदौर में किराए का फ्लैट लेकर रह रहे थे। यहां ये अपने अन्य दो साथी नवीन शर्मा और निक्की भदौरिया के साथ एडवाइजरी कंपनियों के डाटा के आधार पर कॉल कर खुद को सेबी का अधिकारी बताकर ठगी करते थे। 

दोनों ही आरोपी पूर्व में प्रिमियम रिसर्च फायनेंसियल सर्विस नामक सेबी से अंपजीकृत एडवाइजरी कंपनी में नौकरी करते थे, जहां वे अपना नाम बदलकर लोगों के साथ ठगी करते थे। इस कंपनी से डाटा निकालकर उन्होंने नन्दी को कॉल कर रुपयों की ठगा और दोनों ने बराबर-बराबर राशि बांट ली। राशि पाने के लिए आरोपियों ने राजकुमार की पत्नी मुनमुन नंदी के नाम ने एक लाख 90 हजार रुपए का एक फर्जी बैंक ऑफ इंडिया की सुखलिया शाखा का बना दिया। लैपटॉप की मदद से तैयार इस चेक पर रवि त्रिपाठी के हस्ताक्षर भी करवाए गए। 
        
शुक्ला के अनुसार जिस रिसर्च कंपनी में आरोपी नौकरी करते थे वह जीवनलाल मारू की थी। इसके खिलाफ विजय थाने में शिकायत दर्ज है। इसी मामले में इसके साथी पवन शर्मा और विश्वजीत भट्टाचार्य फरार हैं। आरोपियों ने इसी आधार पर गुजरात के केतन पाटीदार और प्रतीक वसानी के साथ करीब 2 लाख रुपए, और प्रकाश कुमार के साथ 25 हजार की धोखाधड़ी की आरोपी यौवन हिमाचल प्रदेश में धोखाधड़ी के मामले में 14 दिनों तक जेल में रह चुका है। जो  अभी जमानत पर है। यौवन और मिहिर दोनों 12वीं तक पढ़े हैं।

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