13 मार्च को बड़े आंदोलन की तैयारी में कर्मचारी-अधिकारी, 48 MLAs ने CM शिवराज को लिखा पत्र, ये है पूरा मामला
भोपाल : राजस्थान और महाराष्ट्र के बाद अब मध्य प्रदेश में भी पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने की मांग तेज होती जा रही है। इतना ही नहीं मध्यप्रदेश के कर्मचारियों-अधिकारियों ने तो 13 मार्च को बड़े आंदोलन की भी तैयारी कर ली है। प्रदेश के कर्मचारियों-अधिकारियों ने शिवराज सरकार को चेताता हुए कहा है कि अगर बजट सत्र में पुरानी पेंशन बहाल नहीं की जाती है तो 13 मार्च को बड़ा आंदोलन होगा।
वहीं, कर्मचारियों-अधिकारियों को कांग्रेस के साथ साथ भाजपा के नेताओं का भी भरपूर साथ मिल रहा है। बता दे कि 48 (BJP-Congress) विधायकों ने अधिकारी- कर्मचारियों की इस मांग के संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज को पत्र लिखा है। इसमें कईयों ने तो ट्वीट कर सीएम से पुरानी पेंशन बहाली करने की मांग की है।
इन विधायकों में लक्ष्मण सिंह, जयवर्धन सिंह, सुलोचना रावतर महेश परमार, बैजनाथ कुशवाहा, भूपेंद्र मरावी, निलय डागा, नीलांशु, बापू सिंह तंवर, आलोक चतुर्वेदी, वीर सिंह भूरिया, नारायण त्रिपाठी आदि शामिल है।
वहीं, कर्मचारी मंच के प्रांतीय अध्यक्ष अशोक पांडे का कहना है कि 48 विधायकों द्वारा लिखे गए पत्र में पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग की गई है और उसके साथ ही साथ 2005 से चल रही नई पेंशन योजना को बंद करने की मांग की गई है।
इस से पहले संघ के महासचिव राजेश मिश्रा ने बताया था कि पुरानी पेंशन लागू करने के लिए प्रदेशभर में कई बार धरना प्रदर्शन किए जा चुके हैं। लेकिन सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया। मजबूरी में हमें आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि लंबे समय से मध्य प्रदेश में पुरानी पेंशन की बहाली को लेकर मांग उठाई जा रही है। 286000 शिक्षक, डेढ़ लाख संविदाकर्मी और 48000 स्थाईकर्मी कई बार अंशदायी पेंशन की जगह पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग कर चुके है। अंशदायी पेंशन में 10% कर्मचारियों की सैलरी से काटा जाता है और 14% सरकार मिलाती है और फिर कर्मचारी के सेवानिवृत्त होने पर 50% का भुगतान एकमुश्त कर दिया जाता है और शेष राशि से 3-4 हजार पेंशन के रूप में दी जाती है। यही कारण है कि कर्मचारियों द्वारा पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने पर जोर दिया जा रहा है, ताकी इस राशि में इजाफा हो सके।