रुद्राक्ष महोत्सव में सरकार की एंट्री, कांग्रेस बोली सरकार के दबाव में कार्यक्रम किया निरस्त, तो वहीं गृहमंत्री ने कहा- महाराज आपकी कृपा से सरकार है
सिहोर/प्रियंक केशनवानीः- लाखों श्रद्धालू 25 किलोमीटर जाम में शिवरात्री पर्व के बीच सिहोर में रुद्राक्ष महोत्सव के दौरान लाखों की भीड़ उमड़ पड़ी जिस वजह से कार्यक्रम को स्थगित करना पड़ा और पं. प्रदीप मिश्रा भावुक हो गए। लेकिन रूद्राक्ष महोत्सव स्थगित होने का मामला गरमा गया है। 15 दिनों की तैयारी महज 8 घंटों में ध्वस्त होने से भक्त आक्रोशित है। इसके बाद सरकार की हुई एंट्री प्रदेश सरकार के गृहमंत्री नहोत्तम मिश्रा ने पं. प्रदीप मिश्रा से बात की और बोला- महाराज प्रणाम कर रहा हूं, कोई दिक्कत तो नही है ना प्रशासन वगैरा से कोई दिक्क्त वाली बात हो तो बताइएगा। कोई भी आवश्यकता हो, आपके आशीर्वाद से ही सरकार है महाराज। गृहमंत्री को महाराज ने बताया कि आज सभी व्यवस्थाएं दुरूस्त हैं। अब कोई दिक्कत नहीं है।
महोत्सव स्थगित होने पर कमलनाथ ने सरकार को घेरा-
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस मामले को देखते हुए ट्वीट किया- महाशिवरात्री की पूर्व संध्या, शिवराज जी की सरकार, शिवराज जी का क्षेत्र और शिव ज्ञान की गंगा बहाने वाला शिव महापुराण व रूद्राक्ष महोत्सव का 7 दिवसीय महाआयोजन दबाव डालकर पहले दिन ही स्थगित करा दिया गया, क्योंकि प्रशासन लाखों श्रद्धालुओं की व्यवस्था संभालने में असफल साबित हुआ। एक कथावाचक के आखों में आंसू भरकर व्यासपीठ से इस सच्चाई को श्रद्धालुओं को बताना पड़े तो इससे शर्मनाक प्रदेश के लिए कुछ और नहीं हो सकता है। जो खुद को धर्म प्रेमी बताते हैं यह हैं, उनकी सरकार की हकीकत… बड़ी संख्या में श्रद्धालु नाराज, प्रदेश के इतिहास में ऐंसा कभी नहीं हुआ।
पहले से था आभास कि व्यवस्थाएं जरूरत के हिसाब से नहीं हैं-
रूद्राक्ष महोत्सव की तौयारियों में लगे आयोजकों के साथ प्रशासन को भी इस बात का एहसास था कि 10 से 15 लाख श्रद्धालु आएंगे। विठलेश सेवा समिति ने तो अपने स्तर पर तैयारियां पूरी की थी, भोपाल-इंदौर हाइवे सबसे व्यस्ततम मार्ग होने के बाद भी, प्रशासन की ओर से व्यवस्थाएं जरूरत के हिसाब से नहीं की गई। यही कारण रहा कि इतना बड़ा आयोजन चंद घंटों में रद्द करना पड़ा।
भावुक हुए पं. प्रदीप मिश्रा-
पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि उन्हें भी उम्मीद नहीं थी कि इतनी अधिक संख्या में श्रद्धालु महोत्सव में शामिल होंगे, मुझे इस बात का दुख है कि श्रद्धालुओं के बीच भोजन वितरण के लिए सुबह 10 बजे का समय निर्धारित किया गया था, लेकिन 1:30 बजे भी वितरण नहीं हो सका, जबकि भोजन बनकर तैयार था।