सभी खबरें

महज़ 48 घंटे के भीतर "दिग्गी-नाथ" के करीब आए सिंधिया, CM शिवराज ने कर दिया ये 18 साल से अटका हुआ काम 

भोपाल से खाईद जौहर की रिपोर्ट – 18 साल बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया को नया पता मिला हैं। शिवराज सरकार में भोपाल के श्यामला हिल्स में सरकारी बंगला बी-5 एलॉट किया गया है। पहले दिल्ली का सरकारी आवास उनका पता हुआ करता था, लेकिन लोकसभा चुनाव में हारने के बाद उसे खाली करना पड़ा। अब उन्हें 
श्यामला हिल्स B-5 अलॉट कर दिया है. यह बात राजनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण और रोचक हैं। 

खास बात ये है कि जिस काम को कमलनाथ ने लंबे समय से अटका रखा था वो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महज़ 48 घंटे में कर दिया। सीएम शिवराज की नोटशीट चली तो 48 घंटे में ही गृह विभाग ने एलाॅटमेंट आर्डर जारी कर दिया। पहले कमलनाथ सरकार में इसी विभाग ने उन्हें उलझाया हुआ था।

दरअसल, सिंधिया पिछले कुछ सालों से भोपाल में अपनी सक्रियता बढ़ाने के लिए बंगला चाह रहे थे। लेकिन कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं को लगता था कि अगर सिंधिया को कोई ठिकाना मिल गया तो सरकार पर उनका दबाव बढ़ जाएगा। और ये बात इन नेताओं को किसी कीमत पर मंजूर नहीं थी। 

राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्था के जानकार कहते हैं कि कमलनाथ सरकार यदि सिंधिया को बंगला एलॉट करना चाहती तो अधिकतम एक सप्ताह में यह प्रक्रिया पूरी हो सकती थी (अब शिवराज सरकार में मात्र 48 घंटे में हो गई ) लेकिन कमलनाथ सरकार ऐसा नहीं चाहती थी क्योंकि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह गुट भोपाल में सिंधिया को सक्रिय नहीं होने देना चाहते थे।

बता दे कि जो बंगला सिंधिया को एलॉट किया गया है उस पर इच्छावर से बीजेपी विधायक करणसिंह वर्मा ने इच्छा जताई थी। मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि विधायक वर्मा को उम्मीद थी कि बंगला खाली होते उन्हें एलॉट हो जाएगा। इसको लेकर वर्मा ने कई बार मुख्यमंत्री कार्यालय में बात की। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 

दरअसल, कमलनाथ सरकार गिरने के बाद जैसे ही शिवराज सत्ता में आए तो वर्मा ने इस बंगले के लिए आवेदन कर दिया। उनका तर्क था कि वे पूर्व मंत्री हैं और सात बार के विधायक हैं। लिहाजा उन्हें यह बंगला एलॉट किया जाए। बताया जा रहा है कि वर्मा ने अफसरों के समक्ष नाराजगी भी व्यक्त की थी, बावजूद इसके उन्हें यह बंगला नहीं मिल पाया।

बहरहाल, अब सिंधिया को बंगला एलॉट हो चूका हैं। ऐसे में सिंधिया के भोपाल आते ही प्रदेश की राजनीति में फिर उफान आ सकता हैं। 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button