बेरोजगारी और मंदी से जूझते देश में राजनीतिक पार्टियों की आय में 251 फीसदी की बढ़त
बेरोजगारी और मंदी से जूझते देश में राजनीतिक पार्टियों की आय में 251 फीसदी की बढ़त
- राजनीतिक पार्टियों की झोली में पैसे की बढ़त
- 35 दलो ने अपनी आय नही बताई- एडीआर
- मंदी और बेरोजगारी कहां से आई ?
देश में मंदी का दौर है इस बात से कोई बेख़बर नही है,बेरोजगारी का स्तर भी रफ्तार के साथ बढ़ रहा है बावजूद इसके राजनीतिक पार्टियां अपनी आय बढ़ाने से बाज नही आ रही है हाल ही में एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा और कांग्रेस समेत 35 दलों ने नहीं बताई अपनी आय। भारत में मंदी है भारत में बेरोजगारी है लेकिन उन सब के बावजूद भी एक आम आदमी प्याज इतनी महंगी खरीदता है पेट्रोल इतना महंगा खरीदता है और जो इन दामों में लगाम लगाने का वादा करते हुए आगे बढ़ती है सरकार बनाकर दौड़ने लगती हैं विकास का घोड़ा दौड़ने लगता है लेकिन यकीन मानिए देश में इतनी मंदी के बावजूद इतनी सुस्ती के आर्थिक सुस्ती के बावजूद भारत की दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियां समेत 35 दलों ने अपनी आय नहीं बताई है।
सबसे ज्यादा आय वाली पार्टी
सबसे ज्यादा आय साल 2018-19 बीजू जनता दल ने घोषित की थी। जिसके बाद दूसरे नंबर पर रही तृणमूल कांग्रेस और तीसरे नंबर पर रही तेलंगाना राष्ट्र समिति रही जिनकी आय 630.67 करोड़ है। केवल माकपा दल की आय 4 करोड़ घटी है। बता दें कि एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक 2018-19 वित्तीय वर्ष में 2017-16 की तुलना में 23 दलों की आय 329 करोड़ से बढ़कर 1155 करोड़ हो गई है। अब ये बात तो साफ नज़र आ रही है कि देश के विकास और ग़रीबों के हक का पैसा कहां जा रहा है,किसकी झोली भर रही है और किसकी खाली हो रही है।