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लोकतंत्र की हत्या:- ट्रंप समर्थकों के प्लान को समझने में नाकामयाब रही सुरक्षा एजेंसियां, ट्रंप ने दी थी इशारों में हिंसा की धमकी!!

लोकतंत्र की हत्या:- ट्रंप समर्थकों के प्लान को समझने में नाकामयाब रही सुरक्षा एजेंसियां, ट्रंप ने दी थी इशारों में हिंसा की धमकी!!

द लोकनीति डेस्क : गरिमा श्रीवास्तव 
 अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बाद जिस बात का डर था आखिरकार वही हुआ. 
 3 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव हुआ था बाइडेन को 306 और ट्रम्प को 232 वोट मिले थे. जिसके बाद स्थिति साफ थी कि अमेरिका में बाइडेन की सरकार बनने जा रही है. 
 पर फिर भी ट्रम्प को हार कबूल नहीं थी. चुनाव की काउंटिंग के बाद ट्रंप जब चुनाव हार गए तो उन्होंने आरोप लगाया कि वोटिंग और काउंटिंग में बड़े पैमाने पर धांधली की गई है. जिसके बाद कई राज्यों में केस दर्ज कराया जाए पर अधिकतर राज्य में ट्रंप समर्थकों की अपील को खारिज कर दिया गया था. 
 2 मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने भी याचिकाएं खारिज कर दी.. 
 कंपनी कई बार इशारो में हिंसा की धमकी दी. और बुधवार को हुई हिंसा में यह बात साबित कर दी कि सुरक्षा एजेंसियां ट्रंप समर्थकों के प्लान को समझने में नाकाम रहे. 


 206 साल बाद US संसद में हुई भारी हिंसा:- 

 राष्ट्रपति चुनाव के बाद अमेरिका में हिंसा की आशंका थी और वही हुआ 4 घंटे चले उपद्रव में 4 लोगों की जान चली गई. इस घटना के बाद 11 से स्पेशल कार्ड सभी कैपिटल हिल के अंदर और बाहर तैनात हैं. अमेरिका की राजधानी में कर्फ्यू लगा दिया गया है.. 
 बता दें कि 3 नवंबर को ही यह स्थिति साफ हो गई थी कि दुनिया के सबसे ताकतवर देश के अगले राष्ट्रपति जो बाईडेन होंगे. पर ट्रंप समर्थकों को यह मंजूर नहीं था.. 
 वोटिंग कि 64 दिन बाद जब अमेरिकी संसद बाईडेन की जीत पर मुहर लगाने जुटी उसी दौरान ट्रंप समर्थकों ने अमेरिकी लोकतंत्र को शर्मसार कर दिया. ट्रंप के समर्थकों ने दंगाइयों का रूप ले लिया. यूएस कैपिटल में तोड़फोड़ और हिंसा की गई. इस हिंसा को देखते हुए कुछ वक्त तक संसद की कार्यवाही रोक दी गई..
 और फिर करीब 12 घंटे बाद दोनों सदनों ने जो बाइडन की जीत पर आखिरकार मुहर लगा दी.. 

 हिंसा के दौरान अंदर सांसद थे और बाहर ट्रंप समर्थक :- 
 इस दौरान हिंसा शुरू हुई इस दौरान हुए कैपिटल के अंदर सांसद झुके हुए थे और बाहर ट्रंप समर्थकों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही थी.. वाशिंगटन के वक्त के मुताबिक बुधवार दोपहर 1:00 बजे के बाद US कैपिटल के बाहर लगे बैरिकेड को ट्रंप समर्थकों ने तोड़ दिया.. अभी पुलिस और नेशनल गार्ड इन्हें समझा पाते की कुछ उपद्रवी अंदर घुस गए. और फिर बड़े पैमाने पर हिंसा होने लगी इस दौरान गोली भी चली और 4 घंटे के चली हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई.

 बाइडेन ने कहा ट्रंप देश से मांगें  माफी:- 
 नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाईडेन उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस हिंसा की निंदा की है इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि डोनाल्ड ट्रंप इसके जिम्मेदार हैं और उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए.

 Trump ने किया हार स्वीकार:- 

 डोनाल्ड ट्रंप ने भी पहली बार अपनी हार स्वीकार करते हुए सत्ता के व्यवस्थित हस्तांतरण की बात कही है. कांग्रेस के संयुक्त सत्र ने 3 नवंबर को हुए चुनाव में राष्ट्रपति पद पर जो बाइडन और उपराष्ट्रपति पद पर कमला हैरिस को मिली जीत को सत्यापित कर दिया..
 जिसके बाद ट्रम्प ने कहा कि 20 जनवरी को जो बाइडन को सत्ता का व्यवस्थित हस्तांतरण किया जाएगा.
 बता दें कि अमेरिका में दंगा भड़काने को लेकर डोनाल्ड ट्रंप पर दूसरा महाभियोग चलेगा.

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