सभी खबरें

औद्योगिक क्षेत्रों में अतिक्रमण हटाने के लिए बनेंगे दल, जिला स्तरीय लघु उद्योग संवर्धन बोर्ड की बैठक सपन्न

खरगोन से लोकेश कोचले की रिपोर्ट – स्वामी विवेकानंद सभागृह में गुरूवार को कलेक्टर अनुग्रह पी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय लघु उद्योग संवर्धन बोर्ड की बैठक संपन्न हुई। बैठक में जिले के उद्योगपति भी शामिल हुए। जिले के विकास में उद्योगों की भूमिका और रोजगार के अवसर को लेकर भी विस्तृत चर्चा की गई। साथ ही उद्योगपतियों ने जिले में स्थित 5 महत्वपूर्ण औद्योगिक क्षेत्रों में अतिक्रमण की समस्या दूर करने के लिए भी अपनी बात रखी।

कलेक्टर अनुग्रह ने बैठक में उपस्थित संयुक्त कलेक्टर अनुकूल जैन को निर्देश दिए कि उद्योग केंद्र के अधिकारियों व तहसीलदारों सहित एक संयुक्त कलेक्टर की टीमों का गठन औद्योगिक क्षेत्रों के लिए किया जाए, जो इन क्षेत्रों का निरीक्षण कर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही करेंगे। साथ ही औद्योगिक क्षेत्र का सीमांकन भी किया जाएं, जिससे व्यवस्थित और सुविधाजनक क्षेत्र हो सकेगा। इसी तरह निमरानी स्थित उद्योगों से निकलने वाले धुएं व अन्य प्रदूषण कारकों से किसानों को हो रही समस्या के निराकरण करने पर भी संबंधित एसडीएम और दल जांच कर कार्यवाही कर सकेंगे। बैठक में एमपीआईडी के महाप्रबंधक राजेश भारती, संयुक्त कलेक्टर नेहा शिवहरे, कृषि उप संचालक एमएल चौहान, नाबार्ड के दृ रामटेके, उद्यानिकी विभाग के पीएस बड़ोले, एलडीएम संदीप मुरूड़कर सहित उद्योगपतियों में बसंत अग्रवाल, देवेंद्र भदौरिया व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

खरगोन के आसपास भी बने मेगा फूड पार्क

बैठक में चेंबर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष कैलाश अग्रवाल ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि खरगोन के आसपास भी एक मेगा फूड पार्क स्थापित किया जा सकता है। जामली व पीपरखेड़ा में शासकीय भूमि उपलब्ध है। यहां फूड पार्क बन जाने से किसानों व व्यापारियों के लिए अच्छे अवसर हो सकते है। उन्होंने कहा कि जिले में लोह अयस्क और पेपर रिसायक्लिंग के उद्योग भी स्थापित करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजे जा सकते है। इंदौर के एमपीआईडीसी के कार्यकारी संचालक एचआर मुजाल्दा ने उद्योगपतियों से कहा कि औद्योगिक क्षेत्र में लगने वाला संधारण शुल्क वहां स्थापित औद्योगिक संघ के पदाधिकारी ही तय कर सकते है। यहां संधारित या आवश्यक व्यवस्थाओं संबंधित इस शुल्क को जीएमडीआईसी के खाते में जमा कराई जा सकती है। वहीं संघ क्षेत्र के लिए प्रस्ताव भी बनाकर दे सकते है। देवास में फिलहाल इसी तरह पेटर्न प्रारंभ हुआ है, जिसमें संबंधित औद्योगिक क्षेत्र में कार्य के लिए प्रस्ताव के आधार पर शासन भी राशि उपलब्ध कराती है।

पूरे जिले में हैं 21 वृद्ध उद्योग

बैठक में उद्योग विभाग के महाप्रबंधक एसएस मंडलोई ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले के 5 औद्योगिक क्षेत्रों में 247 एवं औद्योगिक क्षेत्रों के बाहर 131 औद्योगिक इकाईयां संचालित है। इसके अलावा पूरे जिले में 21 वृद्ध उद्योग है। जिले से कॉटन बेल्स, कॉटन व यार्न, सबमर्सिबल पंपस व मोटर्स, चिकपीज, पीपीबेग, पीपी वोवेन बेग, फैबरिक व जंबो बेगस् आदि जर्मन, स्वीजरलैंड़, इजराईल, फ्रांस जैसे यूरोपी देशों में निर्यात की जाती है। वर्तमान में जिले में 5 औद्योगिक क्षेत्र निमरानी, सिलराय रोड़ बड़वाह, खरगोन में भाडली, औरंगपुरा व औद्योगिक क्षेत्र भीनकगांव स्थापित है। इसके अलावा जिले में सेगांव, महेश्वर में मातमूर और सनावद में औद्योगिक क्षेत्र प्रस्तावित है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button