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मंदी की मार बरक़रार, सितंबर में भी कारों की बिक्री लुढ़की, कॉमर्शियल व्‍हीकल्‍स में 62.11 फीसदी दर्ज हुई गिरावट

बीते दो महीनों से देश में मंदी का दौर चल रहा हैं। इस मंदी के दौर में अब तक लाखों लोगों का रोज़ार छीन चूका हैं। हालात ये है की अब लोगों को घर चलाना भी मुश्किल हो गया हैं। मोदी सरकार लगातार इस आर्थिक सुस्‍ती को दूर करने के लिए प्रयास कर रही हैं। लेकिन अब तक सरकार देश को इस आर्थिक सुस्ती से बाहर नहीं निकल पाई हैं। 

बता दे कि सरकार की ओर से कॉरपोरेट टैक्‍स में कटौती समेत कई बड़े फैसले लिए गए हैं। लेकिन सरकार की इन कोशिशों के बावजूद ऑटो इंडस्‍ट्री की मंदी बरकरार हैं। 

दरअसल, वाहन निर्माताओं के संगठन सियाम ने बताया है कि सितंबर में कारों की बिक्री एक बार फिर लुढ़की हैं। सियाम के आंकड़ों के मुताबिक पैसेंजर व्‍हीकल्‍स की बिक्री 23.69 फीसदी गिर गई हैं। उन्होंने बताया कि सितंबर में पैसेंजर्स व्‍हीकल्‍स के प्रोडक्‍शन में करीब 19 फीसदी की गिरावट आई हैं। सितंबर के महीने में कुल 2,23, 317 पैसेंजर व्‍हीकल्‍स की बिक्री हुई हैं। जबकि 2,79,644 पैसेंजर्स व्‍हीकल्‍स का प्रोडक्‍शन हुआ हैं। 

वहीं, अगर बात करें कॉमर्शियल व्‍हीकल्‍स की तो इसकी बिक्री में 62.11 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई हैं। इसके अलावा डोमेस्टिक सेल्‍स भी 23.69 फीसदी तक लुढ़क गया हैं। 

वाहन निर्माताओं के संगठन सियाम के अनुसार, सितंबर में पैसेंजर्स कार का प्रोडक्‍शन 1,80,779 यूनिट रहा। जबकि इसी अवधि में बीते साल इस सेगमेंट की 2,33,351 कारों का प्रोडक्‍शन हुआ था। इस लिहाज से 22.53 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं पैसेंजर्स कार की डोमेस्टिक सेल्‍स की बात करें तो सितंबर 2019 में 1, 31, 281 कारों की बिक्री हुई हैं। जबकि इसी अवधि में पिछले साल 1,97,124 कार बिके थे। इस लेहाज़ से पैसेंजर्स कार की डोमेस्टिक सेल्‍स में भी 33 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई हैं। 

गौरतलब है कि देश में त्योहारों का समय चल रहा हैं। ऐसे माना जाता है कि त्योहारों के समय ही ज़्यादातर लोग नई चीज़े अपने घर लाते हैं। लेकिन इस मंदी के दौर में और ख़राब अर्थव्यस्था ने इस स्थिति को पलटकर रख दिया हैं। 
 

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