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सीधी जिला चिकित्सालय मे चार वर्ष पूर्व लगाए गए कैमरे हो गए बिल्कुल खराब,1 साल से ठीक ही करवा रहे जिम्मेवार…

सीधी से संवाददाता गौरव सिंह की रिपोर्ट।

जिला अस्पताल सीधी मे चार वर्ष पूर्व लगाए गए कैमरे पूरी तरह खराब हो चुके हैं। कैमरे की साथ एलईडी व रिसीवर जल चुके हैं, जिसके कारण अस्पताल मे होने वाली किसी भी वारदात का सुराग नहीं मिल पाता है। जिला अस्पताल ओपीडी मे रोजाना ३०० से ५०० मरीज चिकित्सको को दिखाने के लिए आते हैं। डॉक्टरों के ओपीडी में बैठने से परहेज करने व समय से ओपीडी मे न बैठने के कारण मरीजों को परेशान होना पड़ता है। जिसको लेकर अस्पताल प्रबंधन ने ओपीडी में सीसीटीवी कैमरे लगाए थे, लेकिन भवन की मरम्मत के दौरान कैमरे को सरक्षित करना मुनासिब नहीं समझा गया, जिसके कारण वे खराब हो गए हैं। इसके साथ ही अन्य स्थानों पर भी लगाए गए कैमरे लंबे समय से बंद पड़े हुए हैं। यद्यपि एक मर्तवा सिविल सर्जन के द्वारा मैकेनिक से कैमरे सुधरवाने का प्रयास किया गया किंतु मैकेनिक के द्वारा कैमरे की स्थिति को देखकर इंकार कर दिया गया, अब नए कैमरे लगाने पर ही अस्पताल कैमरे की निगरानी मे आ पाएगा। 

सुरक्षा पर उठ रहे सवाल-
जिला अस्पताल परिसर में दो आंगन होने के कारण सुरक्षाकर्मियों की कमी होने की वजह से अब अस्पताल कर्मचारी व मरीजों की सुरक्षा को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। रातभर असामाजिक तत्व अस्पताल परिसर में हंगामा मचाते हैं। कई बार इनकी मनमानी का खामियाजा नर्सेस को भी भुगताना पड़ता है। वहीं कई बार तो नर्सों के द्वारा मरीजों के उपचार मे लापरवाही बरतते हुए मरीजो के साथ भी अभद्रता की जाती है, किंतु कैमरे न होने के कारण शिकायत के बाद भी वास्तविकता सामने नहीं आ पाती है।

इसलिए लगवाएं गए थे सीसीटीवी कैमरे- जिला अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे इसलिए लगवाए गए थे, जिससे अस्पताल में होने वाली हर घटना पर नजर रखी जा सके। जिला अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टरों में से कुछ डॉक्टर ओपीडी में बैठते ही नहीं हैं। आखिर में इन डॉक्टरों के क्लीनिक या नर्सिंगहोम में जाकर दिखाना पड़ता है। कुछ डॉक्टर ओपीडी में देर से आते हैं और समय से पहले ही चले जाते हैं। आते भी हैं तो ओपीडी में गलियारे व पोर्च में ही खड़े होकर एक दो मरीज देखकर चले जाते हैं। ऐसे में इन डॉक्टरों पर भी नजर रखी जाने के लिए कैमरे लगवाए गए थे।

चार वर्ष पूर्व लगवाए गए थे आठ कैमरे-
जिला चिकित्सालय मे चार वर्ष पूर्व अर्थात वर्ष २०१५ मे आठ कैमरे लगवाए गए थे, जिसका रिसीवर व एलईडी सिविल सर्जन के कक्ष मे रखा गया था, अचानक शार्ट सर्किट से आग लगने के कारण रिसीवर व एलईडी जल गई थी, जिसे दोबारा सुधार नहीं कराया गया।

नए सिरे से की जा रही है पूरी व्यवस्था :-
पुराने कैमरे खराब हो चुके हैं, अब नए सिरे से अस्पताल मे कैमरे लगवाने की ब्यवस्था की जा रही है। इस कार्य को जल्द ही पूर्ण कर लिया जाएगा।
डॉ. एसबी खरे
सिविल सर्जन, जिला चिकित्सालय सीधी

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