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SIDHI – जिले के विकास में भ्रष्टाचार बना बाधक . स्वामी कृष्णानंद महाराज

जिले के विकास में भ्रष्टाचार बना बाधक . स्वामी कृष्णानंद महाराज

  • आखरी पंक्ति के आखरी व्यक्ति तक समरूपी भावना की है आवश्यकता

सीधी। दो दिवसीय प्रवास में सीधी पहॅुचें स्वामी कृष्णानंद महाराज विप्र समाज के बंधुओं द्वारा भव्य स्वागत करते हुए शहर में शोभायात्रा निकाली गई। शनिवार की सुबह स्वामी विप्र बंधु मनोज सिंह राजू के साथ अकौरी आश्रम
पहुॅचें जहा अवलोकन करनें के पश्चात आवश्यक सुधार हेतु निर्देशित किया गया।  बताया गया कि शनिवार को दोपहर दो बजे से शाम पॉच बजे तक पडऱा ग्राम में स्थित संकट मोचन आश्रम में स्वामी के श्रीमुख से भक्ति रस एवं कर्म
प्रधानता के महत्व पर प्रकाश डाला गयाए जिससे हजारों की संख्या में विप्र बंधुओं नें ग्रहण किया। विप्र बंधु मनोज ने बताया कि  रविवार दो फरवरी को सुबह नौ बजे से ग्यारह बजे तक विशेष हवन पूजन एवं ब्रह्म दीक्षा का आयोजन
होना सुनिश्चित है जिसका सीधा लाभ इच्छुक भक्तजन उठा सकते हैं। तीन फरवरी सोमवार की सुबह स्वामी श्री सीधी से अगले प्रवास के लिये रवाना हो जायेगें।

जिले के विकास में भ्रष्टाचार बना बाधक . स्वामी कृष्णानंद महाराज
खास मुलाकात के दौरान स्वामी श्री कृष्णानंद महाराज ने सीधी के विकास के
संदर्भ में अवगत कराया  जिले की विकास गति अत्यंत धीमी चल रही है जिसकी
मुख्य वजह भ्रष्टाचार उभर रही है। वर्तमान समय में व्यक्ति दूसरे के
हिस्से की रोटी के ज्यादातर लालायित प्रतीत होता है। जिले में कुछ इस कदर
व्यवस्था प्रतीत हो रही है मानों भ्रष्टाचार पूरी तरह से शिष्टाचार में
परिवर्तित हो चला है। हम सब का प्रथम दायित्व बनता है कि समय रहते चेत
जायें अन्यथा पछतावा के अलावा अन्य कुछ भी हॉथ नहीं लगेगा।
दिनों दिन हो रहे धर्म परिवर्तन पर लगे विराम .
मुलाकात के दौरान स्वामी श्री नें ज्वलंत मुद्दे पर बडे ही बेबाकी के साथ
अपनी बात रखते हुए कहा कि वर्तमान समय में समाज की रीढ़ की हड्डी कमजोर
होती जा रही है। शासन प्रशासन एवं राजनेता एक ओर तो सर्वागिंण विकास के
साथ ही सब का साथ सबका विकास की बॉत करते हैं किन्तु हकीकत में स्थिती
अत्यंत ही दयनीय प्रतीत हो रही है। वर्तमान परिवेश में भी कहीं न कहीं
आखरी पंक्ति के सबसे आखरी में बैठे हमारे भाई बंधु अपने आप को दीन हीन
महसूस कर रहें जिसका सबसे बड़ा दुष्परिणाम उभर कर यह सामनें आ रहा है कि
समानता की चाह लिये पिछड़ा वर्ग के लोग ईसाई धर्म की ओर मजबूरी में रूख
करना पड़ रहा है। कुछ वर्ग विशेष की छोटी सोच के चलते वर्तमान परिवेश में
हिन्दू धर्म खतरे के मुहानें पर जा पहुॅचा है। सब का साथ सब का विकास की
सोच हकीकत में क्रियान्वयन की शक्त आवश्यकता है तभी जाकर हो रहे धर्म
परिवर्तन की तीव्र गति की गाड़ी में विराम लग सकेगा।
सीधी से गौरव सिंह की रिपोर्ट

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