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सिवनी : शासकीय हाई स्कूल सागर के विद्यालय प्रबंधन की गम्भीर लापरवाही,74 वे स्वाधीनता दिवस की जगह मना दिए 71 वां गणतंत्र

74 वे स्वाधीनता दिवस की जगह मना दिए 71 वां गणतंत्र

 विकासखंड सिवनी के शासकीय हाई स्कूल सागर के विद्यालय प्रबंधन की गम्भीर लापरवाही!

जब इन्हें ही स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस में फर्क नहीं मालूम तो यह बच्चों को क्या सिखाते होंगे!

  सिवनी से महेंद्र सिंघ नायक की रिपोर्ट  : –   (सिवनी) आज जहां पूरा देश 74 वां स्वाधीनता दिवस मना रहा है। वहीं कुछ ऐसे लापरवाह लोग भी हैं जिन्हें इस दिन का अर्थ ही नहीं मालूम है, वह आज भी अपनी उसी लापरवाही में रत हैं, आमतौर पर जिसके लिए जाने जाते हैं। कौन सा दिन है, क्या विशेषता है, इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता इन्हें केवल अपना काम करना आता है। कैसे भी करके समय टल जाना चाहिए और काम हो जाना चाहिए, भले ही उसका परिणाम अच्छा हो अथवा बुरा।
      ऐसा ही एक मामला आज सामने आया है। जिला सिवनी एवं विकास खंड सिवनी के ग्राम सागर के हाई स्कूल में जहां लापरवाह स्कूल प्रबंधन ने 74 वें स्वतंत्रता दिवस की जगह बाकायदा सूचना पटल पर 71 वां गणतंत्र दिवस  2020 अमर रहे दिखाते हुए ध्वजारोहण कर दिया।
      गौर करने वाली बात यह है कि जबकि यह एक राष्ट्रीय पर्व है, और भारत देश के लिए सबसे महत्वपूर्ण पर्व है।  यह आजादी यह स्वतंत्रता हमारे वीर सेनानियों, क्रांतिकारियों ने अपना बलिदान देकर, अपना त्याग करके बड़े परिश्रम उसे अर्जित किया है; जिनका कि इस दिन हम सम्मान करते हैं। इस पर्व विशेष में बहुत सावधानियां बरती जाती हैं राष्ट्रीय ध्वज से लेकर राष्ट्रगान एवं झांकियों के प्रदर्शन तक में अत्यधिक सावधानियों की आवश्यकता होती है। किसी भी सामान्य मानवीय चूक भी राष्ट्रीय अपमान का विषय बन जाती है। परंतु लगता है सागर हाई स्कूल के प्राचार्य एवं स्टाफ को इन सब बातों का या तो भान नहीं है, या फिर वह स्वयं में बहुत निडर है। तभी तो सूचना पटल पर 71 वां गणतंत्र दिखाकर सामने से ध्वजारोहण करते रहे। कमाल की बात है इस विद्यालय में पढ़ने वाले जो विद्यार्थी होंगे जिन्होंने सामने से ध्वजारोहण को देखा होगा, उन्हें तो यही लग रहा होगा कि आज 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस नहीं बल्कि 26 जनवरी गणतंत्र दिवस है। यह महज एक लापरवाही नहीं है। यह बहुत बड़ी चूक है जो हमारे जिले की घटिया शिक्षा व्यवस्था और लापरवाह शिक्षकों की सच्चाई का दर्पण दिखाती है। ऐसी लापरवाही का कारण है कि आज सिवनी जिले में अधिकांश विद्यालयों का रिजल्ट का प्रतिशत बहुत ही गिरा हुआ आता है।
       इस सब घटनाक्रम की जानकारी और कारण जानने के लिए जब संस्था के प्राचार्य भूपेंद्र सिंह उईके से संपर्क किया गया, तो उन्होंने बात को टालते हुए केवल यही कहा कि “वह पहले का लिखा हुआ है हमने आज कल में नहीं लिखा है!”  तो क्या जो पहले से लिखा हुआ है तो उसे मिटाया नहीं जा सकता था या उस पर कोई आवरण नहीं ढाका जा सकता था? क्या प्राचार्य महोदय इतने भोले हैं यह भी नहीं समझते कि इस सूचना पटल पर लिखे महत्वपूर्ण लेख पढ़कर बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ रहा होगा, वह क्या समझ रहे होंगे? वह तो यही समझ रहे होंगे कि आज गणतंत्र दिवस है।
      अब देखना यह है कि जिले के संवेदनशील कलेक्टर महोदय एवं जिला शिक्षा अधिकारी महोदय इस पर संज्ञान लेते हुए क्या कार्यवाही करते हैं।                                                                                                        

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