सभी खबरें

कोरोना महामारी के संक्रमण से बचाव हेतु आदिवासी परिवार उन्हें अपनाया अनोखा तरीका

  • नोवेल कोरोना महामारी के संक्रमण से बचाव हेतु आदिवासी परिवारों ने अपनाया अनोखा तरीका
  • नहीं मिले मास्क तो हरे पत्तों को ही बना लिया मास्क, जिले के आदिवासी विकासखंड कुसमी अंतर्गत भुईमाड़ अंचल के आधा दर्जन गांवों में आदिवासी
  • परिवारों ने जुगाड़ से बनाया मास्क

 

सीधी से गौरव सिंह की रिपोर्ट:- वैश्विक महामारी का रूप धारण कर चुके कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव हेतु जंग लड़ी जा रही है। शासन प्रशासन के साथ ही भारत देश सहित विश्व भर के लोग इस महामारी से बचाव हेतु लगातार जंग लड़ रहे हैं। भारत देश में लॉक डाउन कर दिया गया है। शासन व प्रशासन द्वारा इस महामारी से बचाव हेतु जारी दिशा निर्देशों का लोग पालन करने में जरा भी चूक नहीं कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में सीधी जिले के आदिवासी विकासखंड कुसमी के भुईमाड़ अंचल में रहने वाले आदिवासी परिवार अनोखे तरीके से इस महामारी के बचाव में जंग शुरू की है। 
आदिवासी अंचल के गांव में यह बात तो फैल गई है कि महामारी से बचने के लिए समूह में न रहें और मास्क लगाएं। लेकिन दूरस्थ आदिवासी अंचल में मास्क की उपलब्धता नहीं हो पा रही है, ऐसी स्थिति में भुईमाड़ अंचल के आधा दर्जन से अधिक गांव के आदिवासी परिवार महुआ के हरे पत्तों को ही मास्क बनाकर अपने नाक और मुंह ढंक कर कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव कर रहे हैं। भुईमाड़ अंचल जिले का सीमावर्ती इलाका है, यह क्षेत्र सिंगरौली एवं छत्तीसगढ़ राज्य से जुड़ा हुआ काफी दुर्गम इलाका है। इस क्षेत्र में करीब 6 ग्राम पंचायत आती हैं, जहां अधिकतर आदिवासी परिवार के लोग निवास करते हैं। अंचल के भुईमाड़, केशलार, अमरोला, गैवटाए, सोनगढ़, करैल गांव जो छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे हुए हैं। यहां अभी तक कोरोना महामारी से बचाव हेतु मास्क आदि की उपल्ब्धता नहीं हो पाई है। इन गांवों में निवासरत आदिवासी परिवार के लोग जंगल से महुआ के हरे पत्ते तोड़कर मास्क लगाकर देश मे फैली कोरोना वायरस महामारी से अपना बचाव कर रहे हैं। आदिवासी परिवारों के बच्चे, बूढ़े और जवान सभी महुआ के पत्तों का मास्क लगाए नजर आते हैं । वैसे भी कहा जाता है कि भारत देश के लोग बहुत जुगाड़ू हैं, और वह संसाधनों की अनुपलब्धता में भी जुगाड़ से हर आवश्यक बस्तु का तोड़ निकाल लेते हैं। आदिवासी परिवारों का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी से बचाव को लेकर जितना संभव हो सकता है, हम प्रयास करेंगें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button