सिंधिया ने बताई ‘तोप सरकार’ की परिभाषा

भोपाल। राजनीती में अक्सर बयान बाजी बड़ा मुद्दा बन जाती है। जिसके चलते पक्ष विपक्ष के नेता एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप की झड़ी लगाने लगते है। हाल ही में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का एक बयान सामने आया जिस्मने उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर कहा कि वे कोई तोप नहीं हैं। अगर तोप होते तो ग्वालियर और मुरैना के मेयर चुनाव नहीं हारते। अब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी उसी अंदाज में कमलनाथ को जवाब दिया है। सिंधिया ने ट्वीट कर कमलनाथ की 15 महीने की सरकार का हिसाब बता दिया है। हिसाब बताने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ को तोप की परिभाषा बताई।

सिंधिया का पलटवार
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट कर कहा कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस के 15 महीनों की तोप सरकार का रेकॉर्ड। पहले नंबर उन्होंने तबादला उद्योग, दूसरे नंबर पर वादाखिलाफी, तीसरे नंबर पर भ्रष्टाचार और चौथे नबंर पर माफिया राज रखा है। इसके बाद उन्होंने कमलनाथ को टैग करते हुए लिखा कि कमलनाथ जी, अच्छा है आपकी इस ‘तोप’ की परिभाषा में फिट नहीं हुआ।

ये था मामला
बता दें कि MP के पूर्व CM आगामी चुनाव की बैठक करने के लिए टीकमगढ़ गए हुए थे। इस दौरान एक पत्रकार ने 2023 विधानसभा चुनाव और सिंधिया को लेकर सवाल किया गया। इस पर कमलनाथ भड़क गए। और उन्होंने कहा कि हमें सिंधिया की जरूरत नहीं है। अगर वे तोप ही थे तो ग्वालियर और मुरैना में मेयर चुनाव नहीं हारते। कमलनाथ के बयान के बाद बीजेपी हमलाबार बनी हुई है।

BJP का हमला
बीजेपी प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट कर लिखा कि कमलनाथ के बयान के मुताबिक हार-जीत के आधार पर यह तय होता है कि कौन तोप है। फिर तो कांग्रेस के कई बड़े नेता जो खुद कई चुनाव लाखों वोटों से हार चुके हैं, सब फुस्सी बम हैं।

MP की राजनीती में सिंधिया का प्रभाव
बता दें कि बीजेपी में आने से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में ही थे। एमपी की राजनीति में उनका अच्छा प्रभाव है। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सफलता में उनका रोल अहम रहा है। मार्च 2020 में अनदेखी की वजह से उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद प्रदेश में कमलनाथ की सरकार गिर गई थी।

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