रिसर्च का दावा: मौत के 48 घंटे के बाद तक काम करता है स्पर्म
रिसर्च का दावा: मौत के 48 घंटे के बाद तक काम करता है स्पर्म
एक अध्ययन के बाद ये पता चला कि किसी इंसान की मौत के 48 घंटे बाद तक उसके स्पर्म बच्चा पैदा करने के काम आ सकता है जी हां साक्ष्यों को आधार मानते हुए वैज्ञानिकों की एक टीम ने यह दावा किया है कि 'इंसान की मौत के 48 घंटे बाद तक उसके शुक्राणु (स्पर्म) गर्भधारण के लिए इस्तेमाल किये जा सकते हैं और उससे स्वस्थ बच्चे पैदा हो सकते हैं'. यह अध्ययन 'जर्नल ऑफ़ मेडिकल एथिक्स' में प्रकाशित हुआ है जिसमें दावा किया गया है कि 'इंसान की मौत के बाद उसके शुक्राणुओं को स्पर्म बैंक में जमा भी किया जा सकता है'.
रिसर्चर्स का कहना है कि
अध्ययनकर्ताओं ने लिखा है कि 'इस विधि को 'नैतिक रूप से' स्वीकार कर लेना चाहिए ताकि स्पर्म बैंकों में जमा शुक्राणुओं की मात्रा को बढ़ाया जा सके'. अध्ययन में कहा गया है कि 'मरने के बाद पुरुषों से लिए गए शुक्राणु दान करने की अनुमति भी दी जानी चाहिए'. इस अध्ययन को उन देशों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है जहाँ 'स्पर्म डोनेशन' से जुड़े क़ानून सख़्त होने के कारण स्पर्म बैंकों में शुक्राणुओं की मात्रा घटती जा रही है. वैज्ञानिकों का कहना है कि मौत होने के 48 घंटे के भीतर दो तरीक़ों से शव के शुक्राणु निकाले जा सकते हैं जिनमें सर्जरी की मदद से शव के शुक्राणु निकालना शामिल है. बाद में इसे फ़्रिज में प्रिज़र्व करके रखा जा सकता है.
इस अध्ययन में ब्रिटेन की लेस्टर यूनिवर्सिटी के डॉक्टर नाथन हॉडसन जोशुआ पार्कर का कहना है कि इस तरह से शुक्राणुओं को एकत्र करने की विधि को अंग दान के समान ही समझा जाना चाहिए. वे कहते हैं, “अगर यह नैतिक रूप से स्वीकार्य है कि कोई व्यक्ति बीमारियों से लड़ रहे किसी दूसरे शख़्स की पीड़ा दूर करने के लिए 'जीवन-रक्षक प्रत्यारोपण' करवाए और अपने अंगों को दान करे. तो इनफ़र्टिलिटी से लड़ रहे किसी परिवार की मदद करने के लिए वे क्यों इस तरह का डोनेशन नहीं कर सकते.”