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महामारी में आर्थिक संकट: एमपी में RT-PCR जांच का शुल्क हुआ दोगुना

महामारी में आर्थिक संकट: एमपी में RT-PCR जांच का शुल्क हुआ दोगुना

 

भोपाल/गरिमा श्रीवास्तव:– मध्यप्रदेश में कोरोना का कहर चरम पर पहुंचता जा रहा है हालात चिंताजनक होते जा रहे हैं रविवार को 13 शहरों में लॉकडाउन रहा प्रदेश में कोरोना के 3178 मरीज मिले जो इस साल का सबसे बड़ा आंकड़ा है.

 

 एक तरफ जैसे कौन जैसे कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ इसकी जांच के लिए किए जाने वाले आरटी पीसीआर टेस्ट के शुल्क की मनमानी वसूली भी शुरू हो चुकी है. अगर सरकार के द्वारा तय किए गए शुल्क की बात करें तो सरकार ने इसका अधिकतम शुल्क 1100 तय किया है लेकिन इसे निजी लैब में मनमानी तरीके से लिया जा रहा है निजी लैब में डेढ़ से 2000 तक का शुल्क लिया जा रहा है.

घर से सैंपल लेने में शुल्क और बढ़ जाते हैं.

 बताते चलें कि rt-pcr जांच सरकारी अस्पतालों में निशुल्क है पर निजी लैब और अस्पतालों में शुल्क अलग-अलग तय किए गए हैं.

 वही इस बात को लेकर जब निजी लैब संचालक से सवाल किया गया तो उनका कहना है कि किट्स के दाम अलग-अलग है इसी वजह से इनके रेट अलग-अलग हो रहे हैं.

 पर शुल्क में इतना ज्यादा अंतर होता है इस पर भरोसा नहीं हो पा रहा है महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में RT-PCR जांच का शुल्क ₹1000 से घटाकर ₹500 यानी आधा कर दिया है..

 इस बात को लेकर एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार को आरटी पीसीआर टेस्ट के दाम कम करने चाहिए क्योंकि अगर दाम कम नहीं होंगे तो लोग कोरोना की जांच नहीं कराएंगे.

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