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रामलला के मंदिर का निर्माण शासकीय कोष से नहीं होना चाहिये-दिग्विजय सिंह

भोपाल /गरिमा श्रीवास्तव :-अभी कुछ समय पूर्व ही मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्वियज सिंह का ट्वीट सामने आया है।
दिग्विजय सिंह ने राममंदिर निर्माण पर ट्वीट करते हुए कहा कि अयोध्या में रामलला के मंदिर निर्माण में सरकारी कोष से पैसे न लेकर जनता के पैसों द्वारा निर्माण कार्य को पूरा किया जाए।
क्योंकि रामलला सिर्फ सरकार के नहीं वह देश के सम्पूर्ण जनता के हैं , विश्व का हर हिन्दू व्यक्ति राम को भगवान मानता है ,और सभी को चाहिए की राममंदिर निर्माण में सहयोग दें।
भगवान राम का मंदिर हिंदुओं के धर्माचार्यों द्वारा ही बनाना चाहिए। राजनैतिक संगठनों द्वारा संचालित संगठनों के द्वारा नहीं। भगवान राम सबके हैं।

 

हांलाकि एक बार पूर्व में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी राममंदिर के निर्माण जकर्या के लिए जनता से चंदा इकट्ठा करने की बात की थी,उस दौरान विपक्ष ने उनके इस बात से उनकी जमकर आलोचना की थी।
आज फिर देश के दिग्गज नेता द्वारा चंदे से राममंदिर निर्माण की बात की गई है।  

दिग्विजय सिंह ने एक बयान में यह भी कहा कि रामालय ट्रस्ट में सभी शंकराचार्य और रामानंदी संप्रदाय से जुड़े अखाड़ा परिषद के सदस्य ही हैं। जगतगुरु स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती सबसे वरिष्ठ होने के नाते उसके अध्यक्ष हैं। रामालय ट्रस्ट में अपार धन को संयोजित किया जाता है।  पैसों का और बेहतरीन से सही उपयोग करने के लिए राममंदिर का निर्माण ट्रस्ट के पैसों से होना चाहिए।

वहीँ दूसरी तरफ स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा भगवान राम के इस पवित्र स्थल का निर्माण कार्य सरकारी कोष से नहीं होना चाहिए। क्योंकि सरकार का पैसा राजस्व और गोमांस का है , उन्होंने  अपने बयान में यह भी बताया कि इस संबंध में हमने गृहमंत्री और राष्ट्रपति को भी पत्र लिखा है।  हमने उनसे मंदिर निर्माण समिति में शामिल किए जाने की मांग की है।

उन्होंने साफ़ शब्दों में कहा कि ट्रस्ट के पास पवित्र राममंदिर बनवाने के लिए इतना पैसा है कि जिससे हम रामलला का मंदिर बना सके।
हमें सरकार का एक पैसा भी नहीं चाहिए।

 

 

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