फिर विवादों में घिरे रामदेव बाबा: कही ये बात…
लखनऊ। बाबा रामदेव अक्सर विवादित बयानों को लेकर चर्चा में बने रहते हैं। महाराष्ट्र के बाद एक बार फिर उन्होंने बाड़मेर में विवादित बयान देते हुए कहा कि नमाज पढ़ो और हिंदू लड़कियों के साथ पाप करो, मुसलमानों को यही सिखाया जाता है। बाबा के बयान के बाद मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि बाबा रामदेव पहले इस्लाम और सिरत का अध्ययन करें, उसके बाद फिर इस्लाम पर उंगली उठाए। वहीं देवबंदी उलेमा ने पतंजलि के प्रोडक्ट का वहिष्कार करने की बात कही है।
योग गुरु बाबा रामदेव ने हिंदू-मुस्लिम-ईसाई धर्म की आपस में तुलना करते हुए कहा, ‘मुसलमान आतंवादी हो या अपराधी, वह नमाज जरूर पढ़ता है। वे इस्लाम को सिर्फ नमाज तक ही समझते हैं। बस 5 बार नमाज पढ़ो और उसके बाद जो मन में आए वह करो। हिंदू लड़कियों को उठाओ और जो भी पाप करना है, वह करो। दरअसल, बाबा रामदेव गुरुवार को राजस्थान के बाड़मेर में एक मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में पहुंचे थे। रामदेव ने कहा कि मैं किसी की आलोचना नहीं कर रहा हूं। लेकिन कोई इस दुनिया को इस्लाम में तो कोई ईसाई में बदलना चाहता है। लेकिन बदलकर करोगे क्या?
समाज में जहर का असर थोड़ा कम होते ही..कोई मंत्री..कोई बाबा जहरीला डोज लेकर आ जाता है..रामदेव कहते हैं मुसलमानों को सिखाया जाता है की नमाज पढ़ो फिर जो मर्जी करो..बाबा की सरकार है बाबा कुछ भी बोल सकते हैं.. pic.twitter.com/J7mUk2laX3
— Pragya Mishra (@PragyaLive) February 2, 2023
उलेमा ने प्रोडक्ट का किया बहिष्कार
देवबंदी उलेमा ने नाराज होकर बाबा रामदेव के प्रोडक्ट मुसलमानों से इस्तेमाल ना करने की बात साथ ही कहा कि बाबा रामदेव योग गुरु है धर्म गुरु हैं। उन्हें दूसरे धर्म के बारे में इस तरह की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए थी। अगर वह अपनी बयानबाजी से नहीं रुके तो मुसलमान उनके प्रोडक्ट को इस्तेमाल करना बंद कर दें पतंजलि के प्रोडक्ट का देशभर के मुसलमान बहिष्कार करें। साथ ही कहा कि सरकार को चाहिए कि जलने वालों लोगों को जेल भेजकर कार्रवाई करें और बाबा रामदेव के इस बयान पर सख्त से सख्त कार्रवाई करें।
इस्लाम का करें अध्ययन– रजवी
वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने योग गुरु बाबा रामदेव के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बाबा रामदेव पहले इस्लाम और सिरत का अध्ययन करें, उसके बाद फिर इस्लाम पर उंगली उठाए। जिन लोगों ने इस्लाम नहीं पढ़ा है उनको इस्लाम मजहब के बारे में बोलने का अधिकार नहीं है।बगैर पढ़ें किसी के बारे में बोलना गलत रास्ते पर जाना है।