रायसेन : सोता रहा राजस्व विभाग होता रहा अवैध उत्खनन, रोकने से ज्यादा जरूरी अधिकारियों की नींद

सोता रहा राजस्व विभाग होता रहा अवैध उत्खनन
बिना अनुमति हो रहे उत्खनन को रोकने से ज्यादा जरूरी अधिकारियों की नींद
रायसेन से अमित दुबे की रिपोर्ट :- अपनी प्राकृतिक खूबसूरती और पहाड़ियों के मनोरम दृश्य के लिए जाने जाना बाला रायसेन जिला आजकल अवैध उत्खनन माफिया के निशाने पर चढ़ा हुआ है आए दिन उत्खनन से संबंधित मामले देखने को मिलते हैं प्राकृतिक खूबसूरती और वनसंपदा व खनिज संपदा को नष्ट करने में उत्खनन कर्ताओं का बहुत बड़ा रोल होता है पर क्या हो जब उत्खनन को रोकने के लिए जिम्मेदार अधिकारी को उत्खनन रोकने से ज्यादा अपनी नींद पूरी करने की पड़ी हो तो ऐसे में आप जिले की स्थिति का अंदाज़ अच्छे से ही लगा सकते हैं मामला देर रात रायसेन मुख्यालय से लगी हुई किले के पास वाली पहाड़ी का है जहां पर जेसीबी और डंपरो के माध्यम से बिना किसी बेध अनुमति के अवैध उत्खनन जारी था जिसकी सूचना सूचनाकर्ता द्वारा तत्काल वन विभाग के आला अधिकारियों को दी गई वन विभाग ने मौके पर सूचना के 2 घंटे बाद जांच दल भेजकर जांच की तो पाया कि जहां पर उत्खनन हो रहा है वह भूमि वन विभाग के क्षेत्र में नहीं आती वन विभाग इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकता यह कहते हुए वन अधिकारी द्वारा कार्रवाई से वाह होते हुए अपराध को देखते हुए भी आंखें मूंद ली गई वही वन विभाग के अधिकारी दीपक त्रिरपुड़े वन परीक्षेत्र अधिकारी द्वारा बताया गया कि उक्त भूमि राजस्व विभाग के अंतर्गत आती है जिस पर हम कोई कार्यवाही नहीं कर सकते ऐसे में तत्काल सूचनाकर्ता द्वारा राजस्व विभाग के रायसेन तहसीलदार अजय पटेल को संबंधित उत्खनन की सूचना मध्य रात्रि में दी गई जिस पर तहसीलदार महोदय द्वारा सूचना प्राप्त होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की इंतजार के बाद जब पुनः फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई तो तहसीलदार महोदय द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया जिससे रात भर उत्खनन होता रहा और दिन में भी जारी रहा पर जानकारी होने के बाद भी संबंधित अधिकारियों द्वारा उक्त अवैध उत्खनन को ना रोका गया ना ही कोई कार्यवाही की गई नाही कार्रवाई के संबंध में कोई जानकारी उपलब्ध कराई गई इसी संबंध में जब खनिज विभाग के अधिकारी से संपर्क किया गया तो खनिज विभाग के अधिकारी द्वारा जांच कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया खबर लिखे जाने तक उत्खनन जारी था पर कार्रवाई शून्य थी ऐसे में प्रशासनिक उदासीनता और उत्खनन कर्ताओं के बुलंद हौसलो का अंदाजा आप अच्छे से लगा सकते हैं क्या इन अवैध उत्खनन कर्ताओ और गैर जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए क्या यूं ही जिले में अवैध उत्खनन होते रहेंगे क्या सुंदर-सुंदर पहाड़ियों को उत्खनन करके छलनी कर दिया जाएगा ऐसे कई सवाल जिले के तमाम जागरूक लोगों के मन में मन को विचलित करते रहते हैं अब देखना यह है कि जिला कलेक्टर जोकि अपनी निष्पक्षता के लिए जाने जाते हैं वह इस मामले का संज्ञान लेते हुए क्या कार्रवाई करते हैं