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प्रदेश की बदहाल शिक्षा व्यस्था को देखें हमारी बड़वानी की इस खास रिपोर्ट में

द लोकनीति के लिए बड़वानी से हेमंत नागझिरिया की एक खास रिपोर्ट –  अंजड़ / जहाँ एक ओर हजारों शिक्षक अपना नियुक्ति ट्रान्सफर के लिए परेशान हो रहे हैं, वहीं बड़वानी जिले अंजड़ में एक अध्यापक श्रुतिबाला करील पति सुनील कर्मा(कर्मा, मिस्त्री)कोड BR8620 जिसकी प्रथम नियुक्ति इंद्रपुर राजपुर 2009 मैं हुई थी। कुछ समय बाद अंजड़ वार्ड नं 5 की प्राइमरी स्कूल से जिसका ट्रांसफर अंजड़ से घोडल्यापनी निवाली मे सन 2017 में हुआ । इस बात को लेकर अंजड़ प्रिंसिपल व कलेक्टर से भी अपील 4765/2017 की जिसे जिला कलेक्टर 7/06/2017 ने ट्रान्सफर के आदेशों को रदद् कर दिया।

इसके बाद सरकारी वकील नीलेश शर्मा के पैरवी में जबलपुर हाई कोर्ट में दिनांक 2/8/2017 को अपील कारवाई की याचिका दायर की जहाँ पर उच्च न्यायालय के जज पी.के. जायसवाल और वेद प्रकाश शर्मा ने रिट अपील क्रमांक 465/2017 दिनांक 21/08/2017 को रद्द कर दी थी। इस के बाद भी श्रुतिबला करील अपने पदस्थापना घोडल्यापनी स्कूल न जाते हुए वार्ड नं 5 अंजड़ स्कूल में ही पिछले 2 वर्षों से जमी हुई हैं। अब इस शासन की मजबूरी कहे या प्रिंसीपल की | बी.ई.ओ. जिला ऐ.सी. की मिलीभगत को जबलपुर हाई कोर्ट के आदेशानुसार का पालन न करते हुए कानून की अवहेलना के भागीदार बन गये हैं।शिक्षक का ट्रांसफर स्थल पर न जाना।

यह भी एक विषय हैं कि और कितने शिक्षक अपना ट्रासफर को लेकर परेशान है और दूसरी ओर इस महिला अधयापक को ट्रासफर स्थल पर रोकने हेतु जबलपुर हाई कोर्ट के आदेश को अनदेखा कर दिया गया | अब सवाल उठता हैं की इस केस में राजनीति दबाव या शिक्षा विभाग की मिलीभगत है । मध्यप्रदेश शिक्षा विभाग से निवेदन है की पूरी बड़वानी जिले में ट्रांसफर की जांच की जाए ।

 

 

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