मजबूरी:- पीएचडी होल्डर फालेन आउट अतिथि विद्वानों को करनी पड़ रही है मजदूरी
पीएचडी होल्डर फालेन आउट अतिथि विद्वानों को करनी पड़ रही है मजदूरी
भोपाल/गरिमा श्रीवास्तव :- आए दिन अतिथिविद्वानों की स्थिति दिन ब दिन बिगड़ती जा रही है.
स्थिति यह हो गई है कि पीएचडी होल्डर्स को मजदूरी करनी पड़ रही है.. जब सत्ता में शिवराज की सरकार नहीं थी तो उन्होंने धरना स्थल पर जाकर कहा था कि अतिथिविद्वानों का नियमितीकरण जल्द से जल्द कराया जाएगा. पर अभी तक अतिथि विद्वानों के हित में कोई भी फैसला नहीं लिया गया है.. कल अतिथि विद्वान संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष डॉक्टर सुरजीत सिंह भदौरिया वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा से मिले जिसके बाद उन्होंने कहा था कि वह अतिथि विद्वानों की रुकी हुई फाइल को जल्द ही अप्रूवल देंगे.. वहीं उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने वादा किया है कि अतिथि विद्वानों का नियमितीकरण होगा तो मध्य प्रदेश सरकार फॉलन आउट अतिथि विद्वानों के हित में जल्द फैसला लेगी…
पर ऐसा लग रहा है जैसे सिर्फ जुमलेबाजी चल रही है पूर्व की कमलनाथ सरकार ने भी जुमलेबाजी कर अतिथि विद्वानों की आर्थिक स्थिति बिगाड़ कर रख दी थी.. अब स्थिति यह हो गई है कि पीएचडी होल्डर्स अतिथि विद्वान खेतों में मजदूरी करने को मजबूर हो गए हैं.
पांच अतिथि विद्वानों ने खुद को मौत के मुंह में धकेल लिया. पर इन सबके बाद भी अभी तक अतिथि विद्वानों का नियमितीकरण नहीं हो पाया है.. उन्हें बाहर हुए 8 महीने से ज्यादा हो गया और शिवराज की सरकार आए हुए 120 दिन से ज्यादा. पर अभी तक अतिथि विद्वानों की स्थिति जस की तस है.
वही आज सीएम शिवराज की कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव आ गई है. अब देखना यह होगा कि अतिथि विद्वानों के हित में बड़ा फैसला कब लिया जाएगा.