परमाणु बम के हमले की धमकी देने वाले पाकिस्तान और समर्थन में खड़े चीन ने अब कश्मीर मुद्दे को बातचीत से सुलझाने की सिफारिश की

पाकिस्तान और चीन ने कश्मीर मुद्दे को बातचीत से सुलझाने की वकालत की
- पाकिस्तान ने दी थी परमाणु बम के हमले की धमकी
- वांग चीन-अफगानिस्तान-पाकिस्तान त्रिपक्षीय विदेश मंत्री ने स्तरीय वार्ता के तहत इस्लामाबाद में की थी मुलाकात
- क्षेत्र में विवादों का समाधान परस्पर सम्मान व समानता के आधार पर बातचीत के माध्यम से करने पर दिया गया जोर
हाल ही में कश्मीर मुद्दे (Kashmir Issue) को लेकर धमकी देने वाले पाकिस्तान और उसके समर्थन में चीन (China) ने अब इस मामले को बातचीत से सुलझाने की वकालत की है | दरअसल, पाकिस्तान (Pakistan) और चीन (China) द्वारा रविवार को कश्मीर मुद्दे पर चर्चा की गई और क्षेत्र में विवादों (Controversies) का समाधान परस्पर सम्मान व समानता के आधार पर बातचीत के माध्यम से करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है | इसी के साथ, चीन के विदेश मंत्री वांग यि की दो दिवसीय पाकिस्तान यात्रा (Pakistan Tour) के समापन के अवसर पर जारी एक संयुक्त बयान में दोनों देशों द्वारा इस पर जोर दिया गया है कि उनका रणनीतिक गठजोड़ किसी भी क्षेत्रीय व अंतरराष्ट्रीय (International) स्थिति से अप्रभावित साबित होगा | दरअसल, वांग चीन-अफगानिस्तान-पाकिस्तान त्रिपक्षीय विदेश मंत्री स्तरीय वार्ता के तहत इस्लामाबाद आए हुए थे |
वहीं, दो दिवसीय यात्रा के दौरान उन्होंने पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी (Arif Alvi) और प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) से मुलाकात की है | वांग द्वारा इस दौरान विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mehmud Quraishi) और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से भी वार्ता की गई है | इन बैठकों के दौरान दोनों पक्षों के बीच परस्पर हितों के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर गहन चर्चा की गई है | इसके तहत, दोनों पक्षों का कहना है कि एक शांतिपूर्ण, स्थिर, सहयोगात्मक और समृद्ध दक्षिण एशिया सभी पक्षों के हित में है |
बयान के अनुसार कहा गया है कि क्षेत्र में विभिन्न पक्षों को परस्पर सम्मान और समानता के मुताबिक विवादों और मुद्दों का समाधान बातचीत के माध्यम से करने की आवश्यकता है | इस दौरान पाकिस्तान और चीन ने जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) की स्थिति पर भी चर्चा की है | वहीं, बयान के अनुसार, ‘चीनी पक्ष द्वारा कहना है कि वह जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए हैं और उसने यह दोहराया है कि कश्मीर का मुद्दा अतीत का एक विवाद है, और संयुक्त राष्ट्र चार्टर, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों व द्विपक्षीय समझौतों के मुताबिक इसका समुचित और शांतिपूर्ण समाधान का पहलु होना चाहिए |