ऑर्बिटर ने विक्रम को कहा अलविदा, चंद्रयान 2 चाँद पर लैंडिंग से अब बस कुछ क्षण दूर

आज आधी रात 1:30 से 2:30 के बीच चन्द्रमा पर लैंड होगा चंद्रयान 2
- 22 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस रिसर्च सेंटर से लॉन्च किया गया था चंद्रयान 2
- अब तक 47 दिनों में स्पेस शटल ने धरती की कक्षा से लेकर चांद की आखिरी कक्षा तक का सफर किया है
- पीएम मोदी ने देशवासियों से की चांद पर चंद्रयान के उतरने के ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनने की अपील
चांद पर लैंडिंग से कुछ पल पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने लैंडर विक्रम और ऑर्बिटर के बीच हुई गुफ्तगू साझा की। यह बातचीत उस समय की है, जब ऑर्बिटर और विक्रम को अलग किया गया था। लैंडर को दो सितंबर को ऑर्बिटर से अलग किया गया था। रोवर ‘प्रज्ञान’ भी लैंडर के साथ ही है। चांद पर उतरने के बाद रोवर को लैंडर से अलग होकर प्रयोगों को अंजाम देना होगा। ऑर्बिटर ने लैंडर विक्रम को खुद से अलग करने के बाद कहा था, ‘तुम्हारे साथ अब तक का सफर शानदार रहा विक्रम। शुभकामनाएं! मुझे उम्मीद है कि तुम जल्दी ही दक्षिणी ध्रुव पर पहुंच जाओगे।’ ऑर्बिटर की शुभकामनाओं के बाद विक्रम ने जवाब दिया, ‘वाकई यह शानदार सफर रहा। मैं तुम्हें कक्षा में घुमते हुए देखूंगा।’ इसके बाद इसरो ने भी ट्वीट कर विक्रम और ऑर्बिटर को शुभकामनाएं प्रेषित कीं। इसरो ने लिखा, ‘हम विक्रम और प्रज्ञान के संपर्क में रहना चाहते हैं क्योंकि उन्हें चांद के अनछुए हिस्से दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचना है और कई रहस्य खोलने हैं।’
बता दें कि 6-7 सितंबर की रात 1:30 से 2:30 बजे के बीच चंद्रयान-2 से अलग होकर विक्रम चांद की सतह पर लैंड करेगा। इसके बाद सुबह करीब 5:30 से 6:30 बजे के बीच रोवर विक्रम से बाहर निकलेगा और यहां से एक नए अध्याय की शुरुआत होगी। सुबह 8 से 9 बजे के बीच इसरो के अध्यक्ष प्रेस को संबोधित करेंगे। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद चंद्रयान की लाइव लैडिंग देखने के लिए इसरो में मौजूद रहेंगे। खास बात ये है कि इस दौरान देश भर के 70 छात्र-छात्राएं भी उनके साथ इस ऐतिहासिक पल के गवाह बनेंगे। और चूँकि अब लैंडिंग में सिर्फ 5 घंटे का वक़्त और बचा है इसीलिए हर भारतवासी और इसरो के मुख्यालय में बैठे वैज्ञानिकों की निगाह इसी क्षण पर टिकी है।
जाने अभी क्या क्या होना है बाकी
- छह-सात सितंबर की दरम्यानी रात डेढ़ से ढाई बजे के बीच लैंडर को चांद पर उतारने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
- लैंडर पर लगे कैमरे की मदद से उसका कंप्यूटर-सॉफ्टवेयर खुद यह तय करेगा कि ठीक किस जगह पर उतरना है।
- लैंडर के उतरने के चार घंटे बाद रोवर ‘प्रज्ञान’ भी उससे बाहर निकल जाएगा।
यह भारत का दूसरा चंद्रयान अभियान है। इससे पहले वर्ष 2008 में भारत द्वारा चंद्रयान-1 को लांच किया गया था। यह एक ऑर्बिटर मिशन था, जिसने करीब आठ महीने चांद की परिक्रमा कर प्रयोगों को अंजाम दिया था। चाँद पर पानी की खोज का श्रेय भारत केर चंद्रयान अभियान 1 को ही जाता है।