खरगोन:- प्रमुख सचिव एवं जिले के कोरोना प्रभारी अधिकारी ने निर्माण कार्यों की स्थिति जानने के लिए किया भ्रमण
खरगोन:- प्रमुख सचिव एवं जिले के कोरोना प्रभारी अधिकारी ने निर्माण कार्यों की स्थिति जानने के लिए किया भ्रमण
खरगोन/लोकेश कोचले :- ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव एवं जिले के कोरोना प्रभारी अधिकारी सचिन सिन्हा शनिवार को जिले के एक दिवसीय भ्रमण पर रहे। इस दौरान उन्होंने कोरोना और ग्रामीण विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक के पश्चात ग्रामीण विकास विभाग के पूर्ण हुए कार्यों को देखने की मंशा जाहिर की। इसके लिए उन्होंने भगवानपुरा जनपद को चुना। पीएस सिन्हा ने भ्रमण की शुरुआत कुमारखेड़ा में बनाएं गए सामुदायिक स्वच्छता परिसर से की। यहां उन्होंने स्व सहायता समूहों की महिलाओं से भी चर्चा की। महिलाओं से कहा कि सामुदायिक स्वच्छता परिसर चलाने का कार्य आप ठीक तरह से संभाल ले तो यह कार्य आप लोगों को दिया जा सकता है।
ब्रिज व अन्य कार्यों का किया निरीक्षण
पीएस श्री सिन्हा ने भ्रमण के दौरान उमरखली में कुंदा और खारक नदी पर पीएमजीएसवाय द्वारा बनाएं गए ब्रिज का निरीक्षण किया। इस ब्रिज के बारें में पीएस ने डिजाइन और स्ट्रक्चर को लेकर विभाग के महाप्रबंधक हरिप्रसाद जाटव से जानकारी ली। इसके पश्चात सिन्हा ने भगवानपुरा पंचायत के बाल समदिया फाल्या में बने पुलिया और सुदूर सड़क का जायजा लिया। पुलिया निर्माण को देखकर आरईएस विभाग को आवष्यक निर्देश दिए। धुलकोट में मियावाकी पद्धति से किए गए पौधरोपण, मनरेगा के कार्य और गौशाला का अवलोकन किया। दिनभर के भ्रमण के कार्यक्रम के दौरान पीएस श्री सिन्हा को जिला पंचायत सीईओ श्री गौरव बेनल ने धुलकोट के बाद बिस्टान के गोपालपुरा में पीएमजीएसवाय की सड़क व पुलिया, दाउदखेड़ी में पितृ पर्वत व स्टॉप डेम, गड़ी और कोदला जागीर में सिलाई केंद्र, कांझर में वाटरशेड़ का स्टॉप डेम, लालखेड़ा में सीसी रोड़ और बिरुल में पीएम आवास का निरीक्षण कराया।
वन विभाग से समन्वय कर कंटूर कार्य को कराएं पूर्ण
जिला पंचायत के निर्माण कार्यों को देखकर पीएस सिन्हा ने आवश्यक सुझाव भी दिए। कांझर में बन रहे वाटरशेड़ के निर्माण कार्य को देखकर पीएस ने कहा कि कंटूर ट्रेंचिंग के बगैर ये वाटरशेड के काम कैसे कहलाएंगे। वॉटरशेड़ के परियोजना अधिकारी भागीरथ पाटीदार ने कहा कि वनभूमि होने के कारण अनुमति नही मिलने से कंटूर बना नही पाए। पीएस ने निर्देश दिए कि आईडब्ल्यूएमपी के निर्देश एक बार फिर पढ़े। ऐसे कार्यों के लिए स्पष्ट आदेश है वह भूमि में कार्य के लिए वन विभाग की एजेंसी से कार्य किया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि वन विभाग से समन्वय करे और उस एजेंसी से कंटूर का कार्य पूर्ण कराएं।