अब जिला और जनपद पंचायत में अध्यक्ष की कुर्सी पर छिड़ेगी जंग, समीकरण बनाने में लगी कांग्रेस-बीजेपी
भोपाल : प्रदेश में पंचायत चुनाव 3 चरणों में निपट चुके हैं। इसके साथ ही ‘गांव की सरकार’ की तस्वीर भी साफ हो गई है। अब जिला और जनपद पंचायत में अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर जोड़-तोड़ शुरू हो गई है। दावेदार दौड़-भाग कर रहे हैं और सदस्यों को रिझाने में लगे हैं। अब मध्यप्रदेश में अगले 6 दिन फिर से चुनावी हलचल रहेगी। 24 से 29 जुलाई के बीच पूरी प्रोसेस होगी। बता दे कि चुनाव के बाद 15 दिन के भीतर उप सरपंच, जनपद और जिला पंचायत के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए सम्मेलन का नियम है। इसलिए 29 जुलाई तक प्रोसेस पूरी करने का कार्यक्रम निर्वाचन आयोग ने बनाया है।
वहीं, इस चुनाव के दौरान सबकी नज़रे राजधानी भोपाल और इंदौर पर टिकी होंगी। क्योंकि भोपाल और इंदौर में भी कश्मकश वाली स्थिति बन रही है।
दरअसल, राजधानी होने से भोपाल जिला पंचायत में अध्यक्ष की कुर्सी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, अभी तक की स्थिति में कांग्रेस के पक्ष में सात सदस्य बताए जा रहे हैं, तो बीजेपी समर्थित तीन सदस्य है। कांग्रेस का दावा मजबूत है, लेकिन ऐनवक्त क्या उलटफेर हो जाए, कहना मुश्किल है। चूंकि, पिछली बार अध्यक्ष के चुनाव को लेकर उलटफेर हो चुका है। इसलिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही ताकत झोंक दी है। दोनों ही पार्टी के नेता समीकरण बनाने में लगे हैं।
जबकि, इंदौर में बीजेपी आगे चल रही है। यहां के 17 में से 12 वार्डों पर बीजेपी समर्थित सदस्य जीते हैं। वहीं, पांच पर कांग्रेस समर्थित सदस्य आगे हैं। यहां भी सदस्यों को रिझाने के लिए कसर नहीं छोड़ी जा रही।