अब ऑक्सीजन की सप्लाई में गड़बड़ी आई सामने, MP से 93 टन ऑक्सीजन गायब! कहां गई?
मध्यप्रदेश/भोपाल – मध्य प्रदेश में जिस तरह से काेरोना संक्रमण की रफ्तार है, उससे स्पष्ट है कि ऑक्सीजन की मांग तेजी से बढ़ेगी। इसे लेकर सरकार हर संभव प्रयास कर रही हैं। नए ऑक्सीजन प्लांट बनाने पर फोकस करने के साथ ही अन्य विकल्पों पर भी काम हो रहा हैं।
ऑक्सीजन की मांग को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री स्वयं केंद्र सरकार और राज्य के बाहर प्लांटों में बात कर रहे हैं। यही वजह है, पिछले सात दिन में ऑक्सीजन की सप्लाई करीब 200 टन बढ़ी हैं। इसमें वायुसेना और रेलवे की मदद सरकार ले रही हैं।
लेकिन इन सबके बीच 93 टन ऑक्सीजन की गड़बड़ी सामने आई हैं। जिसका खुलासा मंगलवार को हुई कोरोना की रिव्यू मीटिंग में हुआ।
सरकार के रिकाॅर्ड के मुताबिक 26 अप्रैल को सभी जिलों में 527 टन ऑक्सीजन सप्लाई की गई थी, लेकिन जिलों से आई जानकारी में 434 टन आपूर्ति बताया गया हैं। यानी 93 टन ऑक्सीजन की खपत का रिकाॅर्ड नहीं मिला।
इधर, स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को निर्देश दिए कि ऑक्सीजन की खपत पर ध्यान दें। उन्होंने प्रदेश स्तर पर ऑक्सीजन की सप्लाई की मॉनिटरिंग कर रहे अफसरों को सप्लाई और आपूर्ति के अंतर की रिपोर्ट देने को कहा हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑक्सीजन की मांग और आपूर्ति का सही डेटा जिलों से आना चाहिए। इसमें लापरवाही नहीं होना चाहिए।