MP भाजपा संगठन चुनाव: BJP आलाक़मान अब 50 जिलाध्यक्ष, 980 मंडल अध्यक्षों की जल्द करेगी रिटायरमेंट
MP भाजपा संगठन चुनाव: BJP आलाक़मान अब 50 जिलाध्यक्ष, 980 मंडल अध्यक्षों की जल्द करेगी रिटायरमेंट
भोपाल: मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी(MP BJP) में इस बार सब बदलने जा रहे है। पीएम नरेंद्र मोदी (PM NARENDRA MODI) एवं अमित शाह की नई रणनीति के तहत मध्यप्रदेश में अब तक़रीबन 50 से ज्यादा जिला अध्यक्ष एवं 980 ज्यादा मंडल अध्यक्षों को अपने पद को अलविदा कहना होगा।
अब पुराने लोगों के पास कोई बड़ा पद नहीं होगा। भाजपा में अब युवाओं का बोलबाला होगा ,ज्यादातर पद 35 से 50 साल के बीच आयु वालों को दिए जाएंगे। वैसे मध्य प्रदेश के दिग्गज भाजपा नेता भी इसके लिए तैयार है, औऱ अब परिवारवाद के ख़िलाफ़त रहने वाली BJP अब अपनी कुर्सी पर बिठाने के लिए अपने बेटों औऱ रिश्तेदार पहले से ही मौजूद है।
भाजपा में अब युवाओं का बोलबाला होगा
भाजपा(BJP) सूत्रों के मुताबिक पार्टी द्वारा जुटाई जानकारी में फिलहाल 56 जिलों में 50 से अधिक जिलाध्यक्ष ऐसे हैं, जो 50 से 60 साल के बीच के हैं या इससे अधिक आयु के हैं। इसी तरह 980 मंडलों में भी ज्यादातर नेता पुरानी पीढ़ी के हैं। नवंबर में होने वाले संगठन चुनाव में इनके स्थान पर युवाओं को स्थान दिया जाएगा। पार्टी ने इसकी गाइडलाइन भी जारी कर दी है। मंडल स्तर पर 35 साल से कम के युवाओं को ही पार्टी की कमान सौंपी जाएगी।
सांसद विधायकों के कब्जे में अब नहीं रहेगी पार्टी
पार्टी नेताओं के मुताबिक इस बार संगठन चुनाव में सर्वाधिक फोकस निष्पक्ष चुनाव को बनाया जा रहा है। इसकी वजह है कि हाल में आई शिकायतों में कहा गया है कि पिछले संगठन चुनाव के दौरान कई तरह की गड़बड़ियां हुई थीं। कई स्थानों में विधायक और ताकतवर लोगों द्वारा दबाव डालकर अपने खास लोगों को मंडल अध्यक्ष बनवा दिया गया था। ऐसे लोगों ने पार्टी के दफ्तर के बजाय खुद के घर पर चुनाव प्रक्रिया सम्पन्न् करवा ली थी।
BJP आलाक़मान की गाइडलाइन
भाजपा ने तय किया है कि मंडल अध्यक्ष 35 और जिलाध्यक्ष 45 से 50 साल के बीच होंगे। पार्टी हर स्तर पर समयबद्ध पीढ़ीगत बदलाव तय करती है। साथ ही उच्चतम ऊर्जा स्तर के साथ पार्टी के विचारों को विस्तार देने की प्रक्रिया आगे बढ़ाती है। पार्टी ने समय-समय पर मंडल से राष्ट्रीय स्तर तक इसे सुनिश्चित किया है, इसी कारण हर स्तर पर पार्टी विस्तार पा रही है। पार्टी के संविधान में भी इस बात का प्रावधान है कि निश्चित अंतराल के बाद सभी स्तरों पर बदलाव हों। साथ ही नवीनता के साथ लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करते हुए आगे बढ़ सकें।