MP;पूर्व मंत्री ने मांगी माफी: धीरेंद्र शास्त्री और प्रदीप मिश्रा को लेकर कही थी ये बात

भोपाल। राजनीती में बयानबाजी के चलते नेताओं के अक्सर मुँह की कहानी पड़ती है। कई बार तो पार्टी के आलाकमान नेताओं को फालतू बयान देने से बचने की हिदायत भी दे चुके हैं। लेकिन तब भी नेता अपनी आदत से मजबूर हैं। जिसका खामियाजा उन्हें अक्सर भुगतना पड़ता हैं। ताजा मामला मध्यप्रदेश से सामने आया है, जहाँ धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और प्रदीप मिश्रा को लेकर दिए विवादित बयान पर पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि मैं अपने शब्दों को सही तरीके से संयोजन नहीं कर पाया उनके प्रति माफी चाहता हूं।
आपको बता दें कि बीते दिनों सज्जन वर्मा अपने विधानसभा सोनकच्छ के गांव जिरवाय में चल रही भागवत कथा में पहुंचे थे। जहां उन्होंने कहा था कि धर्म की भी अब दुकानें खुल गई हैं। पहले छोटी दुकानें होती थी अब बड़ा जनरल स्टोर खुल गया। धीरेंद्र शास्त्री बाबा बागेश्वर धाम वाला, एक सीहोर वाला प्रदीप मिश्रा ने बड़ी दुकान खोल ली हैं। इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। जिसके बाद लोग कथावाचक के पक्ष में उतरकर सज्जन वर्मा के खिलाफ पोस्ट कर रहे हैं। वहीँ दूसरी ओर कथावाचक संत रामकृष्ण उपाध्याय ने भी मंच से कहा कि जिस तरह से संत का अपमान हुआ हैं, वे अंतरराष्ट्रीय स्तर के संत हैं। मैं उस समय व्यासपीठ पर बैठा हुआ था, तो मेरी भी जवाबदारी बनती हैं। मैंने भी पाप किया हैं। मेरी उपस्थित में इस तरह के शब्दों का प्रयोग संतों के खिलाफ हुआ हैं। अब में सोनकच्छ विधानसभा में मैं कभी कथा नहीं करूंगा, यह संकल्प लेता हूँ। यह सजा मैं अपने आप को दे रहा हूं। मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं हैं।
क्षमावाणी 🙏🏻
मेरी धर्म के प्रति प्रगाढ़ आस्था है। धर्म मंच पर शब्दों के गलत संयोजन पर मैं शमाप्रार्थी हूं। कुबेरेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित श्री प्रदीप मिश्रा जी एवं बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित श्री धीरेंद्र शास्त्री जी के प्रति अपनी आस्था प्रकट करता हूं।@bageshwardham pic.twitter.com/dMKjh1fYi8— Sajjan Singh Verma (@sajjanvermaINC) May 29, 2023
वहीं मामले को तूल पकड़ता देख पूर्व मंत्री सज्जन सिंह ने माफी मांगी मागंते हुए कहा कि मैं अपनी आराध्य श्रद्धा कुबेरेश्वर धाम के पीठाधीश्वर प्रदीप मिश्रा और बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री के प्रति आराध्य श्रद्धा जताते हुए संत रामकृष्ण उपाध्याय जी से अनुरोध करता हूं कि आप अपनी वाणी से, श्री राम कथा के माध्यम से, श्री भगवत गीता के माध्यम से, श्री महा शिवपुराण के माध्यम से धर्म की गंगा बहाते रहे, ताकि उसका लाभ हम सभी लोग ले सकें। आपको प्रणाम।