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संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा की शपथ लेने वाले कर रहे संविधान का अपमान, शिवराज का कमलनाथ पर तंज

भोपाल से खाईद जौहर की रिपोर्ट – नागरिकता संशोधन कानून को लेकर अब मध्यप्रदेश में भी सियासत तेज़ हो गई हैं। पूर्व सीएम शिवराज और मौजूदा सीएम कमलनाथ दोनों आमने सामने आ चुके हैं। दरअसल 25 दिसंबर को कांग्रेस ने राजधानी भोपाल में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पैदल मार्च निकाला। इस दौरान बड़ी तादाद में कांग्रेस कार्यकर्ता समेत कई अन्य दलों के लोग भी पहुंचे। वहीं, मीडिया से रूबरू होते हुए सीएम कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश में सीएए लागू नहीं किया जाएगा। इस कानून का मैं अंतिम सांस तक विरोध करुंगा। ये बांटने वाली सियासत हैं। ये गुमराह करने वाला कानून हैं। धर्म विरोधी कानून को लागू नहीं किया जाएगा। संविधान की रक्षा के लिए इस कानून का विरोध किया जाएगा। 

मुख्यमंत्री कमलनाथ के इस पैदल मार्च और उनके बयान के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज ने उनको आधे हाथों लिया, और कमलनाथ पर ज़ोरदार निशाना साधा। पूर्व सीएम ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर कांग्रेस रोज झूठ परोस रही है। सत्य के सूर्य को झूठ के बादल ज्यादा समय तक रोक नहीं पाएंगे। विपक्ष झूठ का जो ग्रहण इस कानून पर लगा रहा है, हम उस ग्रहण को लगने नहीं देंगे। 

शिवराज ने वहीं बात फिर से दोहराई जो सारे बीजेपी के नेता बोल चुके हैं। शिवराज ने कहा कि ये नागरिकता देने का कानून है, लेने का नहीं। 

पूर्व सीएम यही नहीं रुके उन्होंने आगे कमलनाथ पर हमला बोलते हुए कहा कि सीएम साहब आपने ये शपथ ली है कि मैं भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा। ये उस शपथ का उल्लंघन हैं। संसद के बनाए गए कानून को लागू ना करने की बात कहना संविधान का अपमान हैं। संविधान की अवमानना हैं। ऐसा व्यक्ति मुख्यमंत्री के पद पर नहीं रह सकता है, जो ये कहे कि मैं इस बिल को मध्‍य प्रदेश में लागू नहीं होने दूंगा। बिल का अंतिम सांस तक विरोध करूंगा। शिवराज ने आगे कहा कि ये भारत की संसद से पास कानून हैं। नागरिकता के मामले में सारे अधिकार केंद्र को संविधान ने दिए हैं। भारत की संसद ने बिल पास करके कानून बनाया हैं।

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