MP : फसल बीमा की दावा राशि के नाम पर भी किसानों को ठगा गया, नगद निकासी पर रोक लगा दी गई – कमलनाथ
भोपाल : हालही में प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने इस बात का दावा किया था कि अभी तक की सबसे बड़ी फसल बीमा योजना की राशि किसानों को मिलने जा रही है। उन्होंने दावा किया कि किसानों के खातों में सरकार 7618 करोड़ रुपए डालेगी। कृषि मंत्री कमल पटेल ने आगे इस बात का भी दावा किया था कि साल 2020 में फसल खराब होने के बाद किसानों की फसलों का बीमा करवाया गया और रविवार के दिन बैंक भी खुलवाए गए। उन्होंने इसे शिवराज सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया था।
अब इस मामलें में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने एक के बाद एक ट्वीट करते हुए सरकार को अड़े हाथों लिया है।
कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा की – जब-जब प्रदेश में भाजपा की सरकार आई है, किसान परेशान हुआ है। मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार में किसानों को ना खाद, ना बीज मिल पा रहा है, ना सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली, ना पानी मिल पा रहा है, उनको उनकी उपज का सही मूल्य तक नही मिल रहा है, ना ही खराब फसलों का मुआवजा मिल रहा है। और अब तो फसल बीमा की दावा राशि के नाम पर किसान को एक बार फिर ठगा गया है। शिवराज सरकार ने दो सप्ताह पूर्व प्रदेश में बड़े-बड़े आयोजन कर प्रदेश के 49 लाख किसानों के खातों में फसल बीमा की दावा राशि के 7600 करोड़ डालने के बड़े-बड़े दावे किए थे।
कमलनाथ ने लिखा की – जबकि सच्चाई यह है कि आज भी हजारों किसानों के खातों में यह राशि नहीं पहुंची है, जिन किसानों के खातों में राशि पहुँच भी चुकी है, वहां बैंकों द्वारा बगैर उनकी सहमति के उस राशि को ऋण में समायोजित किया जा रहा है, नगद निकासी पर रोक लगा दी गई है।
कमलनाथ यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे लिखा की – लाखों किसानों को नुकसान के अनुपात में कम राशि मिली है , कई किसानों को जमा प्रीमियम की राशि से भी कम राशि क्लेम के रूप में मिली है। सरकार ने दावा किया था कि किसी भी किसान को एक हज़ार रुपये से कम की क्लेम की राशि नहीं मिलेगी, उसके अंतर की राशि की भरपाई सरकार करेगी लेकिन दो सप्ताह बीत जाने के बाद भी अभी तक ना उन किसानों की सूची बन पाई है और ना उनको भुगतान हो पाया है। सरकार के सारे दावे झूठे व हवा-हवाई साबित हुए हैं। संकट के इस दौर में सरकार के सारे ज़िम्मेदार किसानों को भगवान भरोसे छोड़ , उनकी सुध तक नहीं ले रहे है और किसान परेशान हो रहा है।
मालूम हो कि 12 फरवरी को मध्यप्रदेश के बैतूल जिले से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा खरीफ फसल 2020 और रबी फसल 2020-21 की राशि अंतरित की गई थी। इस दौरान कमल पटेल ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी की मंशा है कि किसानों की आय दोगुनी हो और खेती लाभ का धंधा बने, इसके लिए हर स्तर पर काम किया जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को भी किसान हितेषी सरकार बताया था।
अब कमलनाथ ने इसी दावों पर शिवराज सरकार को एक बार फिर से कटघरे में खड़ा कर दिया है।