अरे! इधर देखो भई खेल बस शुरू होने वाला है
भोपाल डेस्क
मध्यप्रदेश में आने वाले समय में बड़े बदलाव देखने को मिल सकतें हैं। जिनकी शुरुआत भाजपा के सरकार में आने के बाद शुरू भी हो चुकी है। लगातार अधिकारियों के ट्रांसफर जिस तरह से खेल हो चुका है। भाजपा अपने खिलाड़ी फिक्स करने में लगी है। बात अगर सिर्फ सियासी हरकतों की हो तो समझ आता है पर खाकी भी आजकल अपना काम बखूबी कर रही है।
एक ओर इस कोरोना काल में आम आदमी त्राहिमाम कर रहा है। प्रवासी घर वापसी कर रहें है, कामकाज ठप पड़ा है और लोगों ने साल 2020 को महामारी काल घोषित कर दिया है। ऐसे में देश के एक राज्य में लोग चुनावी घमासान देखने के इंतज़ार में हैं।
आईये कुछ गुफ्तगू हो जाए
इसी घमासान में खाकी भी उतरने को बेताब है। इसका सबसे ताज़ा असर सागर-जबलपुर हाईवे पर मौजूद बहेरिया थाने के पास देखने को मिला। दरअसल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा सागर से एक बैठक से लौट रहे थे। यहीं से लौटते समय थाने के पास आईजी अनिल शर्मा उनका इंतज़ार कर रहे थे। बताया गया कि जैसे ही शर्मा का काफिला हाईवे पर रुका, आईजी आवाभगत में लग गए। इस दौरान शर्मा कार में ही बैठे रहे। आईजी उनके पास गए और हाथ जोड़कर चाय पीने के लिए आग्रह किया। आईजी के आग्रह पर वीडी शर्मा कार से उतरे और अकेले में बात करने के बाद चाय पी। इस दौरान आईजी के साथ चाय-नाश्ता लेकर आए आधा दर्जन पुलिसकर्मी वर्दी में भाजपा कार्यकर्ताओं को चाय-नाश्ता सर्व करते रहे हैं।
विभाग ने दिए हैं सख्त आदेश
बता दें की पुलिस हेडक्वार्टर ने कल ही एक सर्कुलर जारी करके स्पष्ट किया था कि पुलिस डिपार्टमेंट और नेताओं के बीच ऐसे संबंध नहीं होने चाहिए जो विभागीय कामकाज को प्रभावित करें। ऐसे में आईजी साहब की यह आज़िज़ी कुछ तो इशारा करती है। चुनावी मौसम है कब कहां क्या हो जाए किसको पता है! शायद शर्मा जी को इस बात का भान नहीं रहा होगा की उनका इस तरह से स्वागत सत्कार किया जाएगा वह भी बीच सड़क पर। अब इस पर हेड क्वार्टर क्या कहती है ये तो आने वाले समय में हम आपको बतायेंगे ही।
जिस तरह से मध्यप्रदेश में चुनावी मौसम ने करवट ली है। सभी के मन में हलचल तेज़ हो गई है। इलेक्शन में तो एंटरटेनमेंट होना ही है। कोरोना ऐसे ही तो दिमागों से निकाला जाएगा। चुनाव होगा त्यौहार से ज्यादा चहल पहल होगी। असल मज़ा उसके बाद आएगा। आधी उठापटक हो चुकी है बाकी के इंतज़ार में कई अभी से लोगों को रिझाने में लगे हैं।
गौर करने वाली बात यह है कि सिविल सेवा अधिनियम 1965 के तहत किसी भी राजनीतिक दल के नेता को पुलिस अधिकारी आवभगत या स्वागत सत्कार नहीं कर सकता। बावजूद इसके अपने मातहत कर्मचारियों को लेकर सागर आईजी भाजपा नेताओं को चाय पानी परोसते नजर आए।
(गौतम कुमार की रिपोर्ट)