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भोपाल में असली और इंदौर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाज़ारी करते हुए पुलिस ने डॉक्टर सहित 4 को दबोचा

मध्यप्रदेश/इंदौर/भोपाल – मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल और मिनी मुंबई कहे जाने वाले शहर इंदौर में कोरोना का कहर अभी भी बना हुआ हैं। यहां आए दिन रिकॉर्ड तोड़ मामले सामने आ रहे हैं। वहीं, कोरोना से निपटने के लिए जीवनरक्षक माने जा रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाज़ारी भी थमने का नाम नहीं ले रहीं हैं।

वहीं, इस कालाबाजारी से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी के बाद भी यह गोरखधंधा खूब फल-फूल रहा हैं। मामला भोपाल और इंदौर से सामने आया हैं। जहां भोपाल में असली और इंदौर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाज़ारी की जा रहीं थी।

एक तरह जहां भोपाल में गांधीनगर थाना पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर दो युवकों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए दबोचा। आरोपियों के पास से एक बाइक जबकि दोनों के पास एक- एक इंजेक्शन बरामद हुए।

पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने इंजेक्शन 19000 में खरीदे हैं और इसे 27000 में बेचने के लिए वह किसी ग्राहक का इंतजार कर रहे थे। एक आरोपी सर्जन सिंह मेडिकल स्टोर संचालक है, जबकि दूसरा आरोपी उसके साथ काम करता हैं।

इधर, इंदौर में पुलिस ने दो युवकों को नकली इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए पकड़ा। विजय नगर पुलिस ने ये कार्यवाही की। ये लोग गुजरात के मोरबी से नकली इंजेक्शन लेकर आते थे। पकड़े दो आरोपियों में से एक आरोपी एक हॉस्पिटल का डॉक्टर हैं। ये अपने साथी के साथ मिलकर सोशल मीडिया पर मदद के नाम पर संपर्क कर महंगे दाम में नकली इंजेक्शन बेचते थे।

बता दे कि विजय नगर पुलिस अब तक 11 आरोपियों से 14 इंजेक्शन बरामद कर चुकी हैं। गुजरात में नकली फैक्ट्री चलाने वाले आरोपी को गुजरात पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी हैं।

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