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MP:- सरकार का कहना जरूरत से ज्यादा हो रही है ऑक्सीजन की सप्लाई, पर अस्पतालों के बाहर परिजन परेशान

MP:- सरकार का कहना जरूरत से ज्यादा हो रही है ऑक्सीजन की सप्लाई, पर अस्पतालों के बाहर परिजन परेशान

 

 भोपाल:- मध्य प्रदेश सरकार ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर यह बात कह रही है कि जरूरत से ज्यादा अब प्रदेश में ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है पर जमीनी हकीकत तो कुछ और ही है.

 अस्पतालों के बाहर स्थिति अभी भी खराब है लोग ऑक्सीजन के लिए परेशान है चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है लेकिन सरकारी आंकड़े और सरकार यह बात कह रही है कि अब मध्यप्रदेश में जरूरत से ज्यादा ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है.

अब प्रदेश में 545 टन की जगह 650 टन ऑक्सीजन रोज मिल रही है. भोपाल समेत बड़े शहरों में ऑक्सीजन मिलने की वजह से अस्पतालों का बैकअप भी बढ़ गया है.

जानकारी के मुताबिक, भोपाल में 105 टन ऑक्सीजन की सप्लाई हो रही है. यह जरूरत से 5 टन ज्यादा है. अस्पतालों का ऑक्सीजन बैकअप भी 10 घंटे तक पहुंच गया है. इंदौर में भी औसतन रोज 123 टन ऑक्सीजन मिल रही है. भोपाल के सबसे बड़े प्रोसेसिंग प्लांट भारतीय एयर प्रोडक्ट से भोपाल के साथ सीहोर, विदिशा, रायसेन, राजगढ़, शाजापुर ऑक्सीजन की सप्लाई हो रही है.. पर यह बात समझ में नहीं आती कि जब सप्लाई हो रही है तो आखिर परिजन इतने परेशान क्यों है.

 कई मरीजों की ऑक्सीजन की कमी की वजह से मौत हो गई. मध्यप्रदेश में कालाबाजारी भी चरम पर है.

गुजरात में नकली Remdesivir बनाने का चल रहा था कारखाना, सूरत और इंदौर पुलिस की बड़ी कार्रवाई

 इन दिनों गुजरात से भारी मात्रा में रेमदेसीविर का आयात हर राज्य करा रहे हैं. लोगों की मजबूरी का फायदा उठा कर अब बड़ी संख्या में इंजेक्शन की कालाबाजारी शुरू हो गई है. इसके बाद गुजरात पुलिस ने इस बड़े कारनामे को पर्दाफाश करने के लिए एक फार्म हाउस पर छापा मारा. यहीं पर नकली इंजेक्शन बनाने का कारोबार चल रहा था. पुलिस ने गिरोह के मुख्य सरगना कौशल बोहरा को गिरफ्तार कर लिया.

 बताते चलें कि कौशल बोहरा से ही आरोपी सुनील मिश्रा इंजेक्शन लेता था और वह मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों में बेचा करता था. सुनील ने मध्य प्रदेश में 1200 इंजेक्शन बेचे थे.

 जहां 1000 इंजेक्शन इंदौर में और 200 इंजेक्शन जबलपुर में बेचे गए. इस गिरोह ने पूरे देश भर में 5000 करीब नकली इंजेक्शन बेचे हैं.

 यह सारे इंजेक्शन किस किस को दिए और कितने में दिए इसकी जांच में पुलिस जुटी हुई है. इंदौर पुलिस ने इसी गिरोह के दो सदस्यों को गुरुवार रात इंदौर के विजय नगर क्षेत्र से गिरफ्तार किया है पूछताछ के बाद पूरे गिरोह का खुलासा हुआ. इसके बाद उसमें रीवा निवासी सुनील मिश्रा का नाम सामने आया.

 इस बात का खुलासा तब हुआ जब एक महिला ने शिकायत किया कि एक आदमी रेमडेसीविर इंजेक्शन बेच रहा है और वह यह इंजेक्शन सिर्फ महिलाओं को बेच रहा है. जिसके बाद पुलिस ने महिला एसआई को जरूरतमंद बनाकर भेजा. आरोपी सुरेश यादव निवासी बाणगंगा से मैसेंजर पर टॉसिलिजूमैब इंजेक्शन देने की बात कर रहा था. पुलिस अधिकारी ने आरक्षक के साथ मिलकर उसे जाल में फंसा लिया. इसके बाद पुलिस ने पूछताछ के बाद धीरज और दिनेश को पकड़ा धीरज और दिनेश से पूछताछ के बाद उन्होंने बताया कि वह इंजेक्शन प्रवीण उर्फ़ सिद्धार्थ नाम के युवक से लेते थे. पुलिस को और पूछताछ के बाद आसीम भाले का नाम पता चला. और फिर सुनील मिश्रा का नाम सामने आया. जब पूरी जानकारी और कॉल डिटेल निकाले गए तो यह लोकेशन सूरत में मिला और फिर पुलिस सुनील मिश्रा तक पहुंच गई.

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