मोदी सरकार बन रही है ईस्ट इंडिया कंपनी, पूंजीपतियों के लिए कर रही काम : रणदीप सिंह सुरजेवाला
नई दिल्ली/आयुषी जैन: कांग्रेस ने एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा है और गंभीर आरोप लगाए है । कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर पूंजीपतियों के लिए काम करने और किसानों की जमीन हड़पने का आरोप लगाया है । उन्होंने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ईस्ट इंडिया कंपनी बनती जा रही है ।
रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'मोदी सरकार पहले जमीन हड़पने का अध्यादेश लाई. अब खेती हड़पने के तीन काले कानून लाई है. मोदी सरकार ‘ईस्ट इंडिया कंपनी’ बना रही है, कृषि को गुलामी की जंजीरों में जकड़ने का षडयंत्र रच रही है. ‘हरित क्रांति’ को हराने की भाजपाई साजिश हम कामयाब नहीं होने देंगे ।'
सुरजेवाला ने आगे कहा, 'मोदी सरकार ने खेत-खलिहान-अनाज मंडियों पर तीन अध्यादेशों का क्रूर प्रहार किया है. ये ‘काले कानून’ देश में खेती व करोड़ों किसान-मज़दूर-आढ़ती को खत्म करने की साजिश के दस्तावेज हैं. खेती और किसानी को पूंजीपतियों के हाथ गिरवी रखने का यह सोचा-समझा षडयंत्र है. अब यह साफ है कि मोदी सरकार पूंजीपति मित्रों के जरिए ‘ईस्ट इंडिया कंपनी’ बना रही है. अन्नदाता किसान व मजदूर की मेहनत को मुट्ठीभर पूंजीपतियों की जंजीरों में जकड़ना चाहती है. किसान को ‘लागत+50 प्रतिशत मुनाफा’ का सपना दिखा सत्ता में आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन अध्यादेशों के माध्यम से खेती के खात्मे का पूरा उपन्यास ही लिख दिया. अन्नदाता किसान के वोट से जन्मी मोदी सरकार आज किसानों के लिए भस्मासुर साबित हुई है' ।
रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'मोदी सरकार आरंभ से ही ‘किसान विरोधी’ है. साल 2014 में सत्ता में आते ही किसानों के भूमि मुआवजा कानून को खत्म करने का अध्यादेश लाई थी. तब भी कांग्रेस व किसान के विरोध से मोदी जी ने मुंह की खाई थी. किसान-खेत मजदूर-आढ़ती-अनाज व सब्जी मंडियों को जड़ से खत्म करने के तीन काले कानूनों की सच्चाई इन दस बिंदुओं से उजागर हो जाती है.'
कांग्रेस नेता ने कहा, 'अनाज मंडी-सब्जी मंडी यानी APMC को खत्म करने से ‘कृषि उपज खरीद व्यवस्था’ पूरी तरह नष्ट हो जाएगी. ऐसे में किसानों को न तो ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ (MSP) मिलेगा और न ही बाजार भाव के अनुसार फसल की कीमत. इसका जीता जागता उदाहरण भाजपा शासित बिहार है. साल 2006 में APMC Act यानी अनाज मंडियों को खत्म कर दिया गया. आज बिहार के किसान की हालत बद से बदतर है. किसान की फसल को दलाल औने-पौने दामों पर खरीदकर दूसरे प्रांतों की मंडियों में मुनाफा कमा MSP पर बेच देते हैं. अगर पूरे देश की कृषि उपज मंडी व्यवस्था ही खत्म हो गई, तो इससे सबसे बड़ा नुकसान किसान-खेत मजदूर को होगा और सबसे बड़ा फायदा मुट्ठीभर पूंजीपतियों को.'