Mission 2023 : कांग्रेस ने कसी अपनी कमर, ला रही "Reach 100" का फार्मूला, भाजपा ने कहा, जनता का भरोसा हमारे साथ…
- विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस का बड़ा कदम
- हर जिले में अपनी सोशल रीच बढ़ाने की कवायद की शुरू
- कमलनाथ ने प्रदेश कांग्रेस के आईटी सेल को सौंपी बड़ी ज़िम्मेदारी
भोपाल/खाईद जौहर : मध्यप्रदेश में साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस ने कमर कस ली है। कांग्रेस सत्ता में वापसी करने के लिए जी जान से मेहनत कर रही है। लिहाजा कांग्रेस ने 2023 के चुनाव के मद्देनजर अभी से प्रदेश के हर जिले में अपनी सोशल रीच बढ़ाने की कवायद शुरू कर दी है। इसी को देखते हुए कांग्रेस अब “रीच 100” का फार्मूला लेकर आई है। कांग्रेस अब आगामी चुनावों से पहले सोशल मीडिया में तीव्रता लाने के उद्देश्य से सक्रिय लोगों की विशेष “Reach-100” टीम का गठन कर रही है।
खास बात ये है कि पूरे प्रदेश में रीच 100 का नेटवर्क चलाने की जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने प्रदेश कांग्रेस के आईटी सेल को दी है। कांग्रेस की कोशिश है कि रीच हंड्रेड को जल्द ही 500 और उसके बाद और बड़ी संख्या में तब्दील किया जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग कांग्रेस से सीधे जुड़ सकें।
समाज के प्रभावशाली लोगों को इस मिशन से जोड़ा जाए : पूर्व मंत्री पीसी शर्मा
वहीं, Congress “Reach-100” को लेकर पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि कांग्रेस रीच 100 के जरिए प्रदेश के हर जिले में ऐसे लोगों की फौज तैयार करने की कवायद में जुट गई है जो कांग्रेस की विचारधारा से ताल्लुक रखते हैं। साथ ही भाजपा सरकार की योजनाओं और कामों से नाखुश हैं, कांग्रेस का फोकस है कि समाज के प्रभावशाली लोगों को इस मिशन से जोड़ा जाए। रीच 100 में डॉक्टर, वकील, समाजसेवी और कांग्रेस के पारंपरिक वोटर शामिल होंगे।
13 जिलों में तैयार की गई टीम : कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हाफ़िज़
इधर, कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हाफ़िज़ ने कहा कि रीच 100 का नेटवर्क मध्य प्रदेश के पूरे 53 जिलों में तैयार किया जाएगा, फिलहाल 13 जिलों में टीम तैयार कर दी गई है। इस मिशन में मुख्य रूप से लोगों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, टि्वटर के जरिए जोड़ा जाएगा। इसके जरिये कांग्रेस के तमाम कंटेंट को जल्द से जल्द लोगों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।
हालांकि कांग्रेस की इस पूरी कवायद पर भाजपा का मानना है कि कांग्रेस की यह कोशिश भी नाकाम साबित होगी। जनता का भरोसा भाजपा के साथ हर हाल में बना रहेगा।
गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर अपनी जड़ें मजबूत करना आज के समय राजनीतिक दलों के लिए बेहद जरूरी हो गया है। दरअसल, मीडिया की सक्रियता आज के दौर की मांग बन चुकी है। वहीं, प्रदेश की राजनीति भी इससे अछूती नहीं है। साल 2018 में विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने सबक लेते हुए 2023 में विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए मीडिया की सक्रियता पर काम करना शुरू कर दिया है। सत्ता और संगठन में जातिगत समीकरणों का बेजोड़ प्रभाव देखने को मिल रहा है। जबकि, इस मामले में अब Congress में भी बड़े बदलाव की आहट सुनाई दे रही है।