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कई अभिनेत्रियां फ़िल्मों का भार अपने कंधों पर नहीं लेना चाहती क्योंकि फ़्लॉप फिल्मों का बिल उन पर फटेगा- तापसी पन्नू

कई अभिनेत्रियां फ़िल्मों का भार अपने कंधों पर नहीं लेना चाहती क्योंकि फ़्लॉप फिल्मों का बिल उन पर फटेगा- तापसी पन्नू

तापसी पन्नू को उनके कैरियर के शुरुआत से ही महिला की सशक्त भूमिका के तरीके की फिल्म मिली है जिसकी वजह से उनकी पहचान भी इंडस्ट्री में कुछ इसी तरीके की बन चुकी है क्योंकि उन्होंने अभी तक की अपनी लगभग फिल्मों में महिलाओं के मुख्य भूमिका को उजागर करने में सफलता हासिल की है। जैसे कि “पिंक, मुल्क, बदला, सांड़ की आँख जैसी फ़िल्मों में सशक्त महिलाओं के किरदार निभाने वालीं तापसी पन्नू युवा अभिनेत्रियों में महिला प्रधान फ़िल्में करने वाली अदाकारा के रूप में पहचान बना रही हैं.या यूं कह लीजिए की कई हद तक ये पहचान तापसी की बन चुकी है।

इस बारें में क्या कहती है तापसी पन्नू

तापसी का कहना है कि महिला प्रधान फ़िल्मों को लेकर अभिनेत्रियों के बीच होड़ कम है यानि कि कॉप्टीशिन की रेस में अभिनेत्रियां न के बराबर है। क्योंकि फ़िल्म इंडस्ट्री में कई अभिनेत्रियां फ़िल्मों का भार अपने कंधों पर नहीं लेना चाहती हैं. वे कहती हैं, “अगर फ़िल्म फ़्लॉप हुई तो बिल उनके नाम पर फटेगा इसलिए कई अभिनेत्रियां इसे सुरक्षित नहीं मानती हैं.” हालाँकि, तापसी को उनके करियर के शुरुआत से ही बड़े स्टार के साथ फ़िल्में नहीं मिलीं, इसलिए उनके पास सिर्फ़ ऐसी फ़िल्में करने का विकल्प रह गया.

तापसी कहती है कि “मैंने कभी नहीं कहा कि मैं हीरो से छोटे रोल नहीं करूंगी जबकि कई पुरुष अभिनेताओं ने मुझसे कहा है कि वो उन फ़िल्मों का हिस्सा नहीं बनेंगे जिसमे हीरो का रोल महिला किरदार से कम हो. ये संघर्ष मेरी हर फ़िल्म के साथ है क्योंकि मेरी हर फ़िल्म में महिला का किरदार सशक्त होता है और वो पुरुष अभिनेताओं के लिए ख़तरा है.” “कई अभिनेताओं ने ये बात ख़ुद मुझसे कही है कि हम वो फ़िल्में नहीं कर सकते जिसमें महिला का किरदार बहुत स्ट्राँग हो और दूसरे किरदारों पर हावी हो जाए.” फ़िल्म इंडस्ट्री के दोगलेपन और मिसोजिनिस्ट रवैये पर तापसी को दुख जताती हैं. उनका कहना है कि लम्बे अरसे से अभिनेत्रियाँ पुरुष प्रधान फ़िल्मों का हिस्सा बनती आई हैं जिसमें चार गाने और दो सीन होते थे. इसके बावजूद अभिनेत्रियां फ़िल्मों में अपनी मौजूदगी दर्ज करवाती थीं लेकिन अब जब चीज़ें बदल रही हैं तो अभिनेता घबरा रहे हैं. कई महिला प्रधान फ़िल्में आई है और दर्शको ने उन्हें पसंद भी किया है. पर महिला प्रधान फ़िल्मों में स्टार अभिनेता नज़र नहीं आते हैं. तापसी इसे फ़िल्म इंडस्ट्री की कड़वी सच्चाई मानती हैं.

 

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