महाराष्ट्र : इस फॉर्मूले के तहत एकनाथ शिंदे भाजपा के संग बना सकते है सरकार, हलचल तेज़

महाराष्ट्र : महाराष्ट्र में जारी सियासी बवाल के बीच बड़ी खबर सामने आ रही है जहां शिंदे और बीजेपी कैंप उन शर्तों पर विचार-विमर्श कर रहा है, जिसपर दोनों पक्ष रजामंद हों और सरकार बन सके।
जानकारी के मुताबिक, अगर बीजेपी संग बागी विधायक सरकार बनाते हैं तो शिंदे गुट के विधायकों में से 8 को कैबिनेट मंत्री बन सकते है। दरअसल, शिंदे गुट के साथ मौजूदा सरकार के 8 मंत्री हैं, ऐसे में शिंदे गुट वही मंत्रालय चाहता है जो कि इन विधायकों के पास पहले से थे। इसके अलावा 5 को MoS का दर्ज मिल सकता है। एकनाथ शिंदे चाहते हैं कि जो निर्दलीय विधायक बागी गुट के साथ आए हैं उनको बीजेपी अपने कोटे में से मंत्री बनाए।
वहीं, इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम के पद के लिए बीजेपी पर दबाव डालेंगे? उनको क्या मंत्रालय मिलेंगे अभी इसपर विचार-विमर्श चल ही रहा है।
शिंदे कैंप से इनको बनाया जा सकता है मंत्री
एकनाथ शिंदे
बच्चू कडू (प्रहार जनशक्ति)
गुलाबराव पाटिल
दादा भुसे
उदय सामंत
संदीपन भुमरे
राजेंद्र पाटिल येद्रावकर
शंभूराज देसाई
अब्दुल सत्तार
नए नाम
संजय रायमूलकर
प्रकाश आबिदकर
दीपक केसरकर
संजय शिरसाठ
हालांकि, इससे पहले महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे बड़ा दावा कर चुके है, आदित्य ठाकरे इस बात का दावा कर चुके है की 20 मई को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को (मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास) ’वर्षा’ बुलाया था और पूछा था कि क्या वह मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं? तब शिंदे ने इस मुद्दे को टाल दिया था। लेकिन एक महीने बाद 20 जून को जो होना था वो हो गया।
इतना ही नहीं आदित्य ठाकरे ने इस बात का भी दावा किया है कि गुवाहाटी में बैठे 15-16 विधायकों से उनकी बातचीत हो रही है। कुछ लोगों से अभी हाल में बात हुई है। दूसरा वो खेमा है जो भाग गया है, उनमें साहस और नैतिकता नहीं है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया है कि कुछ विधायकों को ‘कैदियों’ की तरह गुवाहाटी ले जाया गया है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में बागी नेता एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के बीच आर-पार की लड़ाई शुरू हो गई है। गुवाहाटी और मुंबई के बीच दूरियां बढ़ती जा रही है। अब पूरा मामला कोर्ट कचहरी से होते हुए फ्लोर टेस्ट तक पहुंचने वाला है। वहीं, कहा ये भी जा रहा है कि अब इस सियासी उठापटक में जल्द ही नतीजा आ सकता है। सूत्रों की मानें तो राज्यपाल किसी भी समय फ्लोर टेस्ट की बात कह सकते हैं।