महाराज का बड़ा कद, ग्वालियर से दिल्ली तक गरमाई सियासत, लेकिन नरेंद्र सिंह तोमर भी PM के करीबी नेताओं में शामिल
ग्वालियर : हालही में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को इस्पात मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है, जिसके बाद राजधानी दिल्ली से लेकर ग्वालियर तक कि सियासत गरमा गई है।
दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया को जिस इस्पात मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है वो कभी ग्वालियर चंबल के ही दिग्गज नेता नरेंद्र सिंह तोमर संभाल चुके हैं। नरेंद्र सिंह तोमर भी केंद्र में मंत्री है और कृषि जैसा अहम मंत्रालय की कमान उनके हाथों में है।
लेकिन, नागरिक उड्डयन मंत्रालय की जिम्मेदारी पहले से संभाल रहे सिंधिया को इस्पात मंत्रालय का जिम्मा मिलने के बाद कहा जा रहा है कि मोदी कैबिनेट में उनका कद लगातार बढ़ रहा है। जबकि, नरेंद्र सिंह तोमर पहले से पीएम मोदी के बेहद करीबी नेताओं में माने जाते हैं।
बता दे कि ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उसी ग्वालियर चंबल से आते हैं जहां के नरेंद्र सिंह तोमर हैं। सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद से ही ग्वालियर चंबल में बीजेपी में एक नए पावर सेंटर की कहानी गढ़ी जाती रही है।
हालांकि, सिंधिया और तोमर कांग्रेस और बीजेपी में रहते हुए एक दूसरे के घुर विरोधी थे। बीजेपी में शामिल होने के बाद भी ये दोनों नेता ग्वालियर-चंबल की राजनीति में दो अलग-अलग सिरे माने जाते हैं।
बहरहाल, सिंधिया को इस्पात मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार मिलने के बाद ये कहा जा रहा है कि उनका मोदी कैबिनेट में कद तो बढ़ा ही है, इसके अलावा आगे उन्हें और कुछ अहम ज़िम्मेदारी सौंपी जा सकती हैं।