सिहोरा : "शिक्षक दिवस" सरकार की किन नीतियों से शिक्षकों में आक्रोश, दे डाली चेतावनी देखें video
सिहोरा : “शिक्षक दिवस” सरकार की किन नीतियों से शिक्षकों में आक्रोश, दे डाली चेतावनी देखें video
- राज्य शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को सौंपा ज्ञापन, अनुकंपा नियुक्ति में B.Ed B.DEd की पात्रता
- परीक्षा उत्तीर्ण करने की अनिवार्यता से सैकड़ों मृत अध्यापकों के परिवार गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहे है
- संविदा शिक्षक पद समाप्त होने के बाद अनुकंपा नियुक्ति किस पद में दी जाए यह भी स्पष्ट नहीं
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द लोकनीति डेस्क जबलपुर (सिहोरा)
सेवा में रहते हुए मृत्यु अध्यापक एवं राज्य शिक्षा सेवा के शिक्षक संवर्ग की शिक्षक पद पर अनुकंपा नियुक्ति के लिए B.Ed एवं D.Ed, पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने की अनिवार्यता के चलते सैकड़ों मृत अध्यापकों के परिवार गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। मध्यप्रदेश सरकार की अनुकंपा की इस नीति को लेकर शिक्षकों में भारी आक्रोश है। शिक्षक दिवस पर राज्य शिक्षक संघ मध्य प्रदेश जबलपुर के पदाधिकारियों ने शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम अनुविभागीय अधिकारी सिहोरा को ज्ञापन सौंपकर अनुकंपा नियुक्ति के जटिल नियमों में शिथिलता दिलाए जाने की मांग की।
राज्य शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष नरेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि सरकार ने अनुकंपा नियुक्ति को लेकर जो जटिल नियम बनाए थे। उसके कारण मध्य प्रदेश के 1200 मृत शिक्षकों के परिवार दर-दर भटकने के लिए मजबूर हैं। संविदा शिक्षक पद समाप्त हो जाने के बाद अनुकंपा नियुक्ति किस पद पर दी जाए यह भी अभी तक सरकार ने स्पष्ट नहीं किया है। अनुकंपा नियुक्ति की जटिलताओं को शिथिल करते हुए पहले की तरह विशेष अभियान चलाकर मृतक अध्यापकों के आश्रितों को नियुक्ति दी जाए। अंशदाई पेंशन योजना को लेकर शत प्रतिशत कर्मचारी संवर्ग आक्रोशित है, एनपीएस के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए। जुलाई 2018 से सरकार द्वारा संविदा/ अध्यापक कैडर समाप्त करते हुए राज्य शिक्षा सेवा में शासकीय शिक्षक का दर्जा तो दिया, लेकिन आज भी प्रदेश के हजारों अध्यापक नवीन नियुक्ति नहीं पा सके हैं उन्हें बिना शर्त नवीन कैडर में नियुक्त किया जाए। राज्य सेवा में नियुक्त हजारों शिक्षकों का डाटा एंप्लाइज कोड जारी नहीं किया गया, इसकी प्रक्रिया जल्द पूरी की जाए।
शिक्षकों में बनाया जा रहा भय का वातावरण : संघ के नरेंद्र खंपरिया, राघवेंद्र गर्ग, दीपक गौतम, सुनील तिवारी, राजेंद्र दुबे, श्याम राव मांडलेकर, सतीश गर्ग, रिंकू ठाकुर, प्रकाश पांडे, अखिलेश दहिया, विनय माझी, मनीष विश्वकर्मा ने बताया कि तीन संतान वाले शिक्षकों के संबंध में उठाए गए विधानसभा प्रश्न का उत्तर तत्कालीन शिक्षा मंत्री द्वारा विधानसभा में दे दिया गया था इसके बावजूद इसे बार-बार आदेशित कर भय का वातावरण बनाया जा रहा है, जिसे तुरंत विराम दिया जाए। कोरोना संक्रमण के कारण महंगाई भत्ते एवं वार्षिक वेतन वृद्धि पर लगाई गई रोक हटाई जाए। 21 जनवरी 2018 को अपने द्वारा गुरुजी संवर्ग को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता देने की घोषणा की गई थी। इस पर आज तक कोई भी अमल नहीं किया। वर्षों से पदोन्नति की प्रक्रिया रोके जाने से कर्मचारियों में निराशा है सकारात्मक पहल करते हुए सरकार पदोन्नति का लाभ दे।
…तो 14 सितंबर को करेंगे लोक शिक्षण संचालनालय का घेराव : राज्य शिक्षक संघ ने चेतावनी दी है कि हमारी मांगों को लेकर यदि सरकार कोई निर्णय नहीं लेती तो 14 सितंबर को लोक शिक्षण संचालनालय का घेराव किया जाएगा। जिसकी समस्त जवाबदारी शासन प्रशासन और मुख्यमंत्री की होगी।