सभी खबरें

 केंद्र और राज्य का गेहूं पर यूं चल रहा है घमासान ,दिल्ली जाएंगे मंत्री,किसानों से फिर राजनीति 

 केंद्र और राज्य का गेहूं पर यूं चल रहा है घमासान ,दिल्ली जाएंगे मंत्री,किसानों से फिर राजनीति 

 

 

 भोपाल:  केंद्र सरकार और राज्य सरकार अब आमने-सामने हो गए बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने किसानों की कई योजनाओं की पैसों में कटौती कर दी है जिससे प्रदेश सरकार टकराव के मूड में आ गई है कांग्रेस के वचन पत्र में गेहूं पर बोनस देना शामिल है लेकिन केंद्र सरकार ने राज्य को उसके अमल से रोक दिया है बोनस पर कृषि मंत्री सचिन यादव ने केंद्र को घेरने की तैयारी करी है वही यूरिया सहित दूसरे मुद्दों पर खाद्य मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर और उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी भी केंद्र को घेरने की रणनीति बना चुके हैं

 मंत्रियों का आरोप है कि केंद्र हमारे किसानों से भेदभाव कर रही है उनकी योजनाओं में तंग दिल्ली दिखा रही है इनमें बारिश के कहर से निपटने राहत राशि में कमी और पीएम फसल बीमा का मुद्दा भी शामिल है

आंकड़ों पर डाले नजर तो यह है स्थिति

  • अभी तक 13 लाख किसानों को बांटा जाना है बोनस
  • 14 00 करोड़ रुपए का बोनस खर्च आएगा
  • 14 सौ करोड़ का गेहूं नहीं खरीदेगा केंद्र बोनस बांटने  पर
  • 28 सौ करोड़ से ज्यादा का बोझ आएगा सरकार पर
  •  6700 करोड रुपए आपदा  राहत के मांगे 
  • थे केंद्र से मध्य प्रदेश सरकार ने
  • 1000 करोड़ की आपदा राहत के मेले मध्य प्रदेश को केंद्र द्वारा

मंत्रियो का आरोप -केंद्र कर रहा हैं हमारे किसानो से भेदभाव 

केंद्र सरकार ने चेतावनी दी है कि गेहूं की खरीदी पर किसी भी तरह की प्रोत्साहन राशि ना दें इस कारण राज्य  ने बोनस बांटने से कदम रोक लिए हैं जबकि वचन पत्र के मुताबिक करीब 13लाख  किसानों को 14 सौ करोड़ रुपए का बोनस दिया जाना है प्रति क्विंटल ₹165 बोनस देना है | 
अब राज्य सरकार या बोनस देती है तो प्रदेश से केंद्र गेहूं नहीं खरीदेगा इससे अलग राज्य सरकार पर 14 सौ करोड़ का बुझाएगा कृषि विभाग बोनस बांटने की मंजूरी मांगने के लिए केंद्र को तीन बार पत्र लिख चुका है

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button