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पाकिस्तान की जेल में 23 साल बंद रहने के बाद मध्यप्रदेश के प्रहलाद की वतन वापसी

  • सागर के रहने वाले प्रह्लाद सिंह पाकिस्तान की जेल से हुए आजाद
  • वाघा बॉर्डर पर पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें बीएसएफ के हवाले किया
  • रहस्यमय तरीके से लापता हुए थे, प्रह्लाद 
  • पाकिस्तान की जेल में बंद 21 कैदियों की हालत और भी बुरी

 

भोपाल/स्वाति वाणी:-

पाकिस्तान की जेल में 23 तक रहने के बाद एमपी के प्रह्लाद सिंह ने भारतीय भूमि पर कदम रखा है। वह 23 साल से पाकिस्तान की जेल में बंद थे। पाकिस्तान रेंजर्स ने सोमवार को प्रह्लाद को बीएसएफ को वाघा बॉर्डर पर सौंप दिया है। पाकिस्तान की जेल में उनके साथ इतनी क्रूरता की गई है कि वह बोलने में भी असमर्थ हैं। एमपी के सागर जिले से 45 किलोमीटर दूर घोसी पट्टी में प्रह्लाद सिंह का घर है। प्रह्लाद के घर लौटने के बाद इनके भाई वीर सिंह भी कुछ बोल नहीं पा रहे थे। बस वह देखकर रोते रहे।

रहस्मयी तरीके से हो गए थे गायब

प्रह्लाद 33 वर्ष की उम्र में रहस्मयी तरीके से गायब हो गए थे। वह अभी तक नहीं जानते हैं कि उनकी मां और एक भाई की मृत्यु हो गई है। वीर, दो अन्य भाई और तीन बहनें उनके आने का बेसब्री से सागर में इंतजार कर रहे हैं। सोमवार को स्थानीय मीडियाकर्मी जब उनके घर गए तो आंसुओं की वजह से वे लोग बोल नहीं पाए। उन लोगों ने बताया कि वह प्रह्लाद मानसिक रूप से अस्थिर हैं। हमने हर जगह उनकी तलाश की। 2014 में जब पुलिस प्रह्लाद की तलाश में आई, तो हमें पता चला कि वह पाकिस्तान में कैदी है। हमारे पास कोई सुराग नहीं है कि वह वहां कैसे पहुंचा।

परिवार को 23 साल से नही पता था प्रह्लाद जिंदा है या मर गया है

प्रह्लाद के परिवार को 23 साल तक यह अंदाजा भी नहीं था कि प्रह्लाद जिंदा है या मर गया है, मगर यह तो पाकिस्तान की जेल में कैद था। वहीं, वीर सिंह को जब इस बात की जानकारी मिली कि उनके भाई पाकिस्तान में हैं, रिहाई के लिए उन्होंने लड़ाई लड़ी है। वीर सिंह ने बताया कि प्रह्लाद का आधा जीवन पाकिस्तान में सलाखों के पीछे बर्बाद हो गया है, इसके बाद उन्होंने ठान लिया था कि शेष वर्ष वह एक स्वतंत्र व्यक्ति के रूप में जिंदगी जिए।

वीर सिंह ने बताया कि उनकी मां अपने पुत्र प्रहलाद की वतन लौटने की आस लगाए रही, मगर मां आज अपने बेटे केा देखने के लिए दुनिया में नहीं है क्योंकि वह पांच वर्ष पहले ही गुजर चुकी है। लेकिन आज मां का सपना पूरा हो गया है और प्रहलाद अपने घर लौट आया है। इसके लिए उन्होंने प्रशासन का धन्यवाद व्यक्त किया। प्रहलाद की वापसी पर परिजनों व गांव में उत्सव, खुशी का माहौल है।

पाकिस्तान की जेल में पेश होने वाले सातवें मानसिक रूप से बीमार शख्स

पुलिस का मानना है कि प्रह्लाद अनजाने में पाकिस्तान में घुस गया हो या उसकी तस्करी की गई हो। वह पाकिस्तान की जेल में पेश होने वाले सातवें मानसिक रूप से बीमार शख्स हैं, जो एमपी से हैं और यह एक संयोग के रूप में बहुत अधिक है।

पाकिस्तान की जेल में बंद 21 कैदियों की हालत और भी बुरी

पाकिस्तान की जेल में प्रह्लाद के साथ बंद 21 कैदियों की हालत और भी बुरी है। उन सभी ने जेल की अवधि पूरी कर ली है। मगर उनकी हालत बहुत चिंताजनक है, क्योंकि भारत सरकार को भी उनके रिश्तेदारों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। मानसिक बीमारियों से जूझते ये लोग अपने परिवार के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दे सके हैं, जिससे अधिकारियों के लिए उनकी पहचान करना और उन्हें मुक्त करने की प्रक्रिया शुरू करना मुश्किल हो गया है।

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