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अपनी मांगों को लेकर मप्र कांग्रेस दिल्ली में तो भाजपा प्रदेश में करेगी प्रदर्शन

मध्यप्रदेश / विवेक पांडेय – भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी में एक विशेष समानता है की यह पार्टियां जब सरकार चलाती हैं, तो अपना अपना नियम भली-भांति जानती है और विपक्ष में आते ही क्या करना है वह भी इन दोनों को पता होता है। मध्यप्रदेश में भी यही स्थिति आपने कुछ महीने पहले देखी होगी, जब भाजपा और कांग्रेस एक साथ एक ही दिन प्रदर्शन कर रही थी। भाजपा प्रदर्शन कर रही थी प्रदेश सरकार के खिलाफ और प्रदेश सरकार की पार्टी यानी कि कांग्रेस प्रदर्शन कर रही थी केंद्र सरकार के खिलाफ। 

तो अब भी यही प्रदर्शन दोबारा होने की तैयारी है। लेकिन अब तारीख होगी 14 दिसंबर जहां पर भाजपा अपने खेत आंदोलन के जरिए प्रदर्शन करेगी, तो वहीं कांग्रेस दिल्ली में केंद्र सरकार की नीतियों/कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करेगी। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से प्रदेश कांग्रेस पार्टी के होने वाले प्रदर्शन का मुखिया स्वयं मुख्यमंत्री कमलनाथ को बनाया गया है और यह प्रदर्शन मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनकी कैबिनेट की अगुवाई में होगा। तो वहीं प्रदेश में होने वाले भाजपा के खेत आंदोलन के मुखिया राकेश सिंह होंगे, जो कि प्रदेश में किसानों को मिलने वाले यूरिया रेत नीति शराब नीति आदि के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। 

प्रदेश में इस समय आलम यह बना हुआ है, की किसानों को यूरिया उचित मात्रा में नहीं मिल पा रही है। जिसको लेकर की पक्ष विपक्ष का एक दूसरे की सरकार पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है, लेकिन पक्ष और विपक्ष अपनी राजनीति के उसूलों से फुर्सत नहीं पा रहा है। जिससे कि इसका खामियाजा दोनों ही पार्टियों के विरोध के तौर पर किसानों को उठाना पड़ रहा है। अब यह प्रदर्शन कब तक जारी रहेंगे, कब खत्म होंगे यह तो कोई नहीं बता सकता।

क्योंकि एमपी अजब है सबसे गजब है।

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