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“पोर्न”देखने वाले को डिप्टी CM बनाया, तो “गोडसे जिंदाबाद” कहने वालों को सांसद और अध्यक्ष

“पोर्न”देखने वाले को डिप्टी CM बनाया, तो “गोडसे जिंदाबाद” कहने वालों को सांसद और अध्यक्ष 

 

इस बार मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के मंत्रिमंडल में तीन उप मुख्यमंत्री यानि 3 डिप्टी CM हैं जिनमें से एक वही बीजेपी नेता हैं जिन्हें विधानसभा में “पोर्न”देखते हुए पाया गया था…….

मुख्य-बातें   

 

 

  1. पोर्न देखने वाले नेता को बीजेपी ने बनाया कर्नाटक का डिप्टी सीएम
  2. कर्नाटक में ही बीजेपी विधायक ने किया विरोध और उठाए सवाल
  3. इस बार मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के मंत्रिमंडल में तीन उप मुख्यमंत्री है

करीब हफ्तेभर  इंतजार के बाद कर्नाटक में मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा लगभग हो गया है.

बीजेपी नेता का नाम लक्ष्मण सावदी है और वह राज्य विधानसभा में पोर्न देखते हुए पकड़े गए थे. नई कैबिनेट में उन्हें ट्रांसपोर्ट पोर्टफोलियो भी दिया गया है. हालांकि बीजेपी विधायक और सीएम के सहयोगी एमपी रेनुकाचार्य ने लक्ष्मण की नियुक्ति का विरोध किया है. उन्होंने शुक्रवार को कहा, ‘उन्हें (लक्ष्मण सावदी) चुनाव हारने के बावजूद मंत्री के रूप में शामिल करने की क्या आवश्यकता थी.’ बता दें कि लक्ष्मण सावदी बीते साल महेश कुमाटटल्ली से चुनाव हार गए थे.

 

मामला सामने आने पर तीनों मंत्री को देना पड़ा था इस्तीफ़ा

आपको बता दे कि जब यह मामला आया था तब सावदी, सी.सी. पाटिल और कृष्णा पालेमर, तीनों ने मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। अब सावदी के उपमुख्यमंत्री बनाए जाने के साथ ही पाटिल भी मंत्री बनाए गए हैं।बता दें कि 2012 में 2 लोगों समेत लक्ष्मण सावदी विधानसभा में पोर्न देखते हुए पाए गए थे. इससे बीजेपी की काफी किरकिरी हुई थी. सावदी ने सफाई देते हुए कहा था कि वह इसे शिक्षा के उद्देश्य से देख रहे थे जिससे वह रेव पार्टी के बारे में जान सकें. हालांकि फिर सावदी, सीसी पाटिल और कृष्णा पालेमर ने कर्नाटक में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.

इसी वजह से राजनीतिक गलियारों में जमकर हलचल मची हुई  है

गौरतलब है कि कर्नाटक में लक्ष्मण सावदी के अलावा डॉ अश्वत नारायण और दलित नेता गोविंद करजोल को भी डिप्टी सीएम बनाया गया है.

क्या हैं बड़ा सवाल ?

 

 

क्या कर्नाटक बीजेपी का चाल-चरित्र-चेहरा बदल गया है? पार्टी ने पहले महात्मा गाँधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के पक्ष में बोलने वाले नलिन कुमार कतील को कर्नाटक बीजेपी का अध्यक्ष बनाया था और अब विधानसभा में पोर्न वीडियो देखने वाले लक्ष्मण सावदी को कर्नाटक का उपमुख्यमंत्री बनाया है। ये दोनों ऐसे मामले हैं जिस पर ख़ुद पार्टी ने पहले तो उनकी आलोचना की थी, लेकिन अब इन दोनों नेताओं को प्रोन्नति दे दी है। दोनों नेताओं की आम लोगों में ‘ख़राब’ इमेज जाने के बाद भी बीजेपी ने उन्हें आगे क्यों बढ़ाया? क्या पार्टी के लिए सरकार गठन और चुनावी जीत के आगे चाल-चरित्र और चेहरा कोई मायने नहीं रखता है?

                       कौन हैं नलिन कतील और कैसे बने कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष?

जिस नलिन कुमार कतील को महात्मा गाँधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के पक्ष में बयान देने के लिए बीजेपी ने खिंचाई की थी उन्हें ही हाल में कर्नाटक बीजेपी का प्रमुख बना दिया गया है। जिस तरह से नलिन कुमार कतील ने गोडसे को लेकर बात की थी वह काफ़ी आपत्तिजनक थी। उन्होंने इसी साल मई महीने में ट्वीट किया था, ‘गोडसे ने एक को मारा, कसाब ने 72 को और राजीव ने 17 हज़ार को, अब आप देखिए कौन सबसे ज़्यादा जालिम है।’ तब पार्टी ने ख़ुद इसे ग़लत माना था और इसीलिए उनकी आलोचना की गई थी। जब काफ़ी विवाद हुआ तब बाद में ट्वीट के लिए उन्हें माफ़ी माँगनी पड़ी थी।

   इसी तर्ज़ पर गोडसे को देशभक्त बताने वाली प्रज्ञा भी बनीं बीजेपी सांसद

 

इसी साल मई महीने में लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी नेता साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने भी महात्मा गाँधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था। मालेगाँव बम धमाकों की अभियुक्त प्रज्ञा ने एक पत्रकार के सवाल पूछने पर कहा था, ‘नाथूराम गोडसे देशभक्त थे, हैं और रहेंगे। जो लोग उन्हें आतंकवादी कह रहे हैं, उन्हें अपने गिरेबान में झाँकना चाहिए। ऐसे लोगों को इस चुनाव में जवाब दे दिया जाएगा।’ बाद में किरकिरी होने और बीजेपी के दबाव के बाद उन्होंने अपने बयान पर माफ़ी माँगी थी। बीजेपी ने इसकी निंदा करते हुए उनसे स्पष्टीकरण माँगा था और सार्वजनिक तौर पर माफ़ी माँगने को कहा था।

PM मोदी का इसमें ज़वाब

 

तब बीजेपी के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान आया था। इसमें उन्होंने कहा था, ‘महात्मा गाँधी और नाथूराम गोडसे को लेकर जो भी बातें की गईं हैं, वो भयंकर रूप से ख़राब हैं। ये बातें पूरी तरह से घृणा के लायक हैं, सभ्य समाज के अंदर इस प्रकार की बातें नहीं चलती हैं। भले ही इस मामले में उन्होंने माफ़ी माँग ली हो, लेकिन मैं अपने मन से उन्हें कभी भी माफ़ नहीं कर पाऊँगा।’ बता दें कि साध्वी के ख़िलाफ़ पार्टी की ओर से अब तक वैसी कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

बीजेपी आलाकमान का फ़रमान हुआ था जारी ,

लेकिन क्या है सच्चाई ?

अनंतकुमार हेगड़े, साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और नलीन कतील के इस पूरे मामले को अमित शाह ने अनुशासन समिति में भेज दिया था और 10 दिन में रिपोर्ट माँगी थी। हालाँकि, इसके बाद क्या कार्रवाई की गई, इसके बारे में जानकारी नहीं दी गई है।

 

 

 

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