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Lockdown का असर : 600 में से सिर्फ 17 बसें दौड़ी

 

  • लॉकडाउन के कारण २२ मार्च से बंद था परिवहन, बस ऑपरेटरों की मांग पर सरकार के आश्वासन के बाद शुरू हुआ परिवहन

जबलपुर।२२ मार्च से बंद बस सेवा सोमवार को शुरू हुई। जबलपुर से अलग-अलग रूटों पर चलने वाली ६०० बसों में से सिर्फ १७ बसें हीं चलीं। अनलॉक-२ के बाद शिवराज सरकार ने ऑपरेटरों को २० अगस्त से बसों का संचालन करने के लिए कहा था लेकिन मार्च महीने की तुलना में सितंबर में डीजल के दामों में हुई बेतहाशा वृद्धि के कारण बस ऑपरेटरों ने कदम पीछे खींच लिए थे। सरकार ने ऑपरेटर एसोसिएशन को आश्वस्त किया है कि वह वह मार्च से लेकर अगस्त माह और सितम्बर के आधे महीने का टैक्स माफ करेगी। वहीं किराया वृद्धि को लेकर अंतिम निर्णय किराया निर्धारण समिति करेगी जिसकी बैठक जल्द आहूत की जाएगी। 

  • इन मार्गों पर चलीं बसें

 अमरकंटक, डिंडौरी,कुंडम, बघराजी, 
दमोह, सागर, छत्तरपुर
शहपुरा, पाटन पिपरिया

  • एक बस में केवल १५ सवारियां

लंबे समय बाद शुरू हुई बसों में सवारियों की संख्या बेहद कम रही।  एक बस में औसत १५ यात्री ही नजर आए। अमरकंटक जाने वाले एक यात्री ने बताया कि बहुत दिनों से वह बसों के आरंभ होने की प्रतिक्षा कर रहे थे अब यह समस्या से निजात मिली है। बहुत से अपडाउनर्स अपने निजी वाहनों आवागमन कर रहे थे अब वे भी बसों से सफर कर सकेंगे।

  • बस ऑपरेटरों किराया बढ़ाने की मांग

बसों का अलग-अलग रूट पर परिचालन तो आरंभ हो गया है लेकिन सरकार ने फिलहाल किराया वृद्धि करने से इनकार कर दिया है। बस ऑपरेटरों का कहना है कि मार्च के महीने में डीजल के दाम ६५ रुपए प्रति लीटर थे और अब ८४ प्रति लीटर हैं ऐसे में मार्च महीने की निर्धारित किराये दर पर बसों का संचालन करना बेहद कठिन हो जाएगा। जबलपुर बस ऑपरेटर एसोसिएशन का कहना है कि सरकार ने कुछ महीनों का टैक्स माफ कर दिया है लेकिन इसके बावजूद बसों का संचालन करना ऑपरेटरों के लिए घाटा का सौदा है। इसके लिए किराए में वृद्धि करना बेहद जरूरी है।
ड्राइवर और कंडेक्टर नदारद
बसों का संचालन शुरू हो चुका है लेकिन ड्राइवर और कंडेक्टर गायब हैं। ऑपरेटरों ने बताया कि लॉकडाउन के बाद कोई ट्रक चलाने लगा है तो कोई सब्जी बेचने लगा है। बसों के शुरू होने के बाद मोबाइल पर संपर्क करके बहुत से ड्राइवरों को बुलाया गया।

  • खड़ी बसों से बैटरी और डीजल चोरी

 लॉकडाउन लगने के बाद से लंबे समय से खड़ी बसों से बैटरी, डीजल और अन्य उपकरणों की चोरी के कारण बस ऑपरेटरों को आर्थिक नुकसान पहुंचा है। बस मालिकों का कहना है लॉकडाउन ने पहले ही आर्थिक रूप से कमर तोड़ रखी है उस पर चोरी गए उपकरणों के कारण नुकसान उठाना पड़ रहा है।

  • मिला है मौखिक आश्वासन

आज से विभिन्न रूटों पर बसों का संचालन शुरू हो गया है। सरकार के मार्च से लेकर अगस्त माह तक के टैक्स माफ करने के आश्वासन के बाद ऑपरेटर एसोसिएशन ने हड़ताल समाप्त की है लेकिन यह आश्वासन मौखिक तौर पर दिया गया है। डीजल के दामों में बेतहाशा वृद्धि होने के बाद किराया बढ़ाए बगैर बसों का संचालन मुश्किल हो जाएगा।

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