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पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की आज 116वीं जयंती हैं ,उनसे जुड़े रोचक बातें ,और एक एहम घटना जो सबको पढ़ना चाहिए |

जय -जवान जय किसान का नारा देने वाले औऱ देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की आज 116वीं जयंती |

पूर्व  प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की आज 116वीं जयंती हैं ,उनसे  जुड़े रोचक बातें , और एक एहम घटना जो सबको पढ़ना चाहिए |

 आज 2 अक्टूबर का दिन देश के लिए काफी ऐतिहासिक और गौरव का दिन है ,क्योंकि आज के दिन देश की दो महान विभूतियों की जयंती है। आज देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती है, वहीं आज के ही दिन जय जवान जय किसान का नारा देने वाले  देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 116वीं जयंती है। हमेशा सादगी भरा जीवन जीने वाले लाल बहादुर शास्त्री एक कुशल और गांधीवादी विचार वाले नेता थे। शास्त्री जी काफी शांत स्वभाव के थे। आइए आज उनकी जयंती पर जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी  बड़ी बातें..

1. लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर सन् 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था। उनको घर में सबसे छोटे होने के नाते प्यार से 'नन्हें' बुलाया जाता था।

2. शास्त्री जी के पिता का नाम मंशी प्रसाद श्रीवास्तव था और माता का नाम राम दुलारी था। शास्त्री जी की पत्नी का नाम ललिता देवी था।
3. बचपन में ही शास्त्री जी के पिता की मौत होने के कारण वह अपनी मां के साथ नाना के घर मिर्जापुर चले गए, जहां उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा ग्रहण की। उन्होंने विषम परिस्थितियों में शिक्षा हासिल की।

4. शास्त्री जी को लेकर कहा जाता है कि उन्होंने विषम परिस्थितिओं में पढ़ाई जारी रखी। गांवों में स्कूल की कमी होने के कारण वह नदी तैरकर रोज स्कूल जाया करते थे।

5. लाल बहादुर शास्त्री जब काशी विद्यापीठ से संस्कृत की पढ़ाई करके निकले तब उन्हें 'शास्त्री' की उपाधि दी गई। इसके बाद उन्होंने अपने नाम के आगे शास्त्री लगा लिया।

6. लाल बहादुर शास्त्री जी का विवाह सन् 1928 में ललिता शास्त्री के साथ हुआ, उनकी दो बेचियां और चार बेटे थे।

7. 16 साल की उम्र में शास्त्री जी ने अपनी पढ़ाई छोड़ दी और गांधी जी के साथ असहयोग आंदोलन में शामिल हो गए।

8. देश के अन्य नेताओं की भांति शास्त्री जी में भी देश को आजाद कराने की ललक थी लिहाजा वह 1920 में ही आजादी की लड़ाई में कूद पड़े थे। उन्होंने 1921 के गांधी से असहयोग आंदोलन से लेकर कर 1942 तक अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। इस दौरान कई बार उन्हें गिरफ्तार भी किया गया और पुलिसिया कार्रवाई का शिकार बने।

शास्त्री ने मां को क्यों नहीं बताया था कि वो रेल मंत्री हैं ?

उन्होंने मां को नहीं बताया था कि वो रेल मंत्री हैं।
कहा था कि “मैं रेलवे में नौकरी करता हूं”।
वह एक बार किसी कार्यक्रम में आए थे जब उनकी मां भी वहां पूछते पूछते पहुंची कि मेरा बेटा भी आया है, वह भी रेलवे में है।

लोगों ने पूछा क्या नाम है जब उन्होंने नाम बताया तो सब चौंक गए ” बोले यह झूठ बोल रही है”।
पर वह बोली, “नहीं वह आए हैं”।
लोगों ने उन्हें लाल बहादुर शास्त्री जी के सामने ले जाकर पूछा,” क्या वही है?”

तो मां बोली “हां वह मेरा बेटा है”
लोग मंत्री जी से दिखा कर बोले “क्या वह आपकी मां है”
तब शास्त्री जी ने अपनी मां को बुला कर अपने पास बिठाया और कुछ देर बाद घर भेज दिया।

तो पत्रकारों ने पूछा “आपने उनके सामने भाषण क्यों नहीं दिया”

तो वह बोले-
मेरी मां को नहीं पता कि मैं मंत्री हूं। अगर उन्हें पता चल जाए तो वह लोगों की सिफारिश करने लगेगी और मैं मना भी नहीं कर पाऊंगा।….. और उन्हें अहंकार भी हो जाएगा।

जवाब सुनकर सब सन्न रह गए।

“कहां गए वो निस्वार्थि ,सच्चे ,ईमानदार लोग”
हम सदैव स्वर्गीय श्री लाल बहादुर शास्त्री जी को अपना आदर्श मानकर कार्य करते रहेंगे”।
पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री लाल बहादुर शास्त्री जी एवं स्व श्री महात्मा गाँधी जी के जन्मजयंती की हार्दिक शुभकामनाएं…

 

 

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