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सिवनी: नहर में पानी नही मिला तो होगा उग्र आंदोलन -किसान सत्याग्रह

सिवनी: नहर में पानी नही मिला तो होगा उग्र आंदोलन -किसान सत्याग्रह

 

नहर निर्माण में देरी को लेकर ग्राम घोंटी में बैठी 11 गांवों की किसान पंचायत 

 सिवनी से महेंद्र सिंघ नायक की रिपोर्ट :- नहर निर्माण में देरी को लेकर सिवनी में 11 गांव की किसान पंचायत बैठी है.  जनता को माचागोरा की नहर से पानी अब एक सपने की तरह दिखाई देने लगा है ।

2013 में जब सिवनी को माचागोरा से पानी देने का वादा किया गया था तब लगा था कि शायद अब सिवनी के किसानों का भला होगा ।पर जो पानी 2017 मे आ जाना चाहिए था वो आज 4 साल बाद भी सिवनी से लगे हुए गांवों तक नही पहुंच पाया ।

पिछले कई सालों से जनप्रतिनिधि व अफसर हर बार पानी आने का आश्वासन देते रहे पर काम नही हुआ , किसान इनके झूठे वादे सुन सुन कर अब काफी नाराज नजर आने लगा है ।

वहीं अधूरी नहर बना कर ठेकेदार गायब हो गया व नहर का आफिस यहां से बंद कर छिंदवाड़ा शिफ्ट करा दिया गया है ।

इन सब घटनाओं से किसान नाराज हैं , बताते चलें कि  सिवनी से लगे हुए गांव तिघरा, खापा, पुसेरा, घोंटी, टिकारी, नरेला, कोदवारी, छुहाई, भोंगाखेड़ा, गंगई व गरठिया ऐसे मुख्य गांव हैं जहां तक नहर निर्माण अधूरा है व पानी पहुंचना अब भी मुश्किल नजर आ रहा है ।

इन्ही घटनाओं से नाराज किसानों ने आज 7 सितंबर मंगलवार को ग्राम घोंटी में इन सभी गांव के लोगों के साथ किसान सत्याग्रह के तत्वाधान में एक पंचायत की जिसमे नहर निर्माण को लेकर प्रशासन पर दबाव बनाने की रणनीति पर निर्णय लिया गया ।

किसान सत्याग्रह के साथियों ने बताया कि तिघरा, खापा, पुसेरा, घोंटी, टिकारी, नरेला, कोदवारी, छुहाई, भोंगाखेड़ा, गंगई व गरठिया वे मुख्य गांव है जहां अब तक नहर निर्माण अधूरा पड़ा हुआ है जिसका मुख्य कारण जनप्रतिनिधि व अफसरों की उदासीनता व भ्रस्टाचार मुख्य कारण है ।

 निर्माण में की गई लापरवाही का नतीजा भुगत रहे ग्रामीण 

निर्माण में की गई इस घनघोर लापरवाही का नतीजा ये गांव भुगत रहे हैं , अगर अर्थव्यवस्था के हिसाब से भी देखा जाए तो अब तक पानी न मिलने की वजह से इन गांवों की हज़ारों हेक्टेयर जमीन अब तक सिंचित नही हो पाई जिससे पिछले 4 वर्षों में अब तक इन 11 गांवों को करीबन 100 करोड़ रुपियों का नुकसान हो चुका है.

 अगर नहीं होती है मांगे पूरी तो किसान करेंगे आंदोलन 

प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से भरोसा उठ जाने की वजह से अब यहाँ के किसानों ने अपनी लड़ाई खुद लड़ने का फैसला लिया है व आज की पंचायत में ये निर्णय लिया गया है कि आगामी 13 सितंबर को सभी गांववासी बड़ी संख्या में सिवनी पहुंच कर अपना रोष व्यक्त करेंगे ।

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