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खरगोन: पुलिस पिटाई से आदिवासी युवक की मौत, कांग्रेस ने सीबीआई जांच उठाई मांग, पीड़ित परिवार को मुआवजा दे सरकार 

  • कमेटी अध्यक्ष विजयलक्ष्मी साधौ ने शिवराज सरकार को बताया जुमलेबाज की सरकार 
  • आदिवासी अत्याचारों के लिए कांग्रेस ने बनाई जांच कमेटी 
  • एमपी कांग्रेस ने पीड़ित परिवार को पांच लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की है 

खरगोन/प्रियंक केशरवानी:–  मध्यप्रदेश में आदिवासियों के साथ लगातार हो रहे अत्याचार से सियासत तेज हो गई है. पक्ष विपक्ष दोनों एक दूसरे पर हमलावर है. हाल ही, खरगौन जिले के बिस्टान थाना क्षेत्र के आदिवासी युवक की पुलिस गिरफ्तारी में हत्या की गई थी और प्रदेश में लगातार आदिवासियों पर बढ़ते अत्याचारों के कारण प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ और पूर्व विधायक विजयलक्ष्मी साधौ ने एक जांच समिति का गठन किया था जिसमे कई विधायकों को समिति का सदस्य बनाया गया था उनमे से कुछ विधायक मृतक के गांव पोहुंच कर ग्रामवासियों और मृतक के परिजनों से मुलाकात की थी और घटना की पूर्ण जांच की थी। 

कांग्रेस जांच कमेटी को गांव वालों और परिजनों ने दी जानकारी 
कांग्रेस ने जो जांच कमेटी बनाई थी वह मृतक के गांव पहुंची और वहां से मिली जानकारी के अनुसार यह साबित होता है कि मृतक की मौत पुलिस के द्वारा की गई मारपीट के दौरान ही हुई है. मृतक के परिजनों ने बताया कि 31 अगस्त को पुलिस ने बिसन को जांच के लिए थाने बुलाया और उसके साथ मारपीट की गई साथ ही मृतक के पुत्र ने बताया कि जब वह थाने गया तो उसे अपने पिता को खाना देने से इनकार कर दिया गया और उसके सामने ही बुरी तरह अलग-अलग कमरों में ले जाकर बेल्ट और पाइप से पीटा, बिसन को चार दिन तक खाना नहीं दिया गया. गांव के सरपंच और पटेल ने मारपीट की पुष्टि की है  और उन्होंने बताया कि मारपीट के कारण ही बिसन की मृत्यु हुई है, परिजनों ने ये भी बताया कि बिसन की जांघ और कूल्हों पर मारपीट के गहरे निशान देखे गए उसे इतनी बेरहमी से पीटा गया कि शरीर से उसकी खाल निकल गई जांच कमेटी ने भी इसकी पुष्टि की है कि मृतक की मौत पुलिस प्रतारणा से ही हुई है। 

कांग्रेस ने राज्य सरकार को जुमलेबाज की सरकार बताया  
कांग्रेस कमेटी ने इस पूरी घटना को पुलिस द्वारा की गई हत्या माना है कमलनाथ ने पीड़ित परिवार को पांच लाख रूपए देने की घोषणा की है. कमेटी अध्यक्ष विजयलक्ष्मी ने कहा कि नेमावर, नीमच, बालाघाट और अब खरगौन में आदिवासी की हत्या का मामला सामने आया है, आदिवासियों को न्याय दिलाने की वजह शिवराज सरकार आदिवासी दिवस का अवकास रद्द कर देती है. जब कांग्रेस कार्यकर्ता सड़क पर आदिवासी अत्याचार का विरोध करते है तो उन पर लाठीचार्ज किया जाता है, और उनकी आवाज को दबाया जाता है. और कहा कि कमलनाथ सरकार आदिवासियों के हक़ की लड़ाई लड़ती रहेगी। 

  कांग्रेस समिति ने पीड़ित परिवार के लिए प्रदेश सरकार से की मांग 
कोंग्रस समिति ने पीड़ित परिवार के लिए राज्य शासन से मांग की है कि बिसन के परिवार में 5 बच्चे है और वह अकेला कमाने वाला था उसके माता-पिता बुजुर्ग है इन हालातों को देखते हुए राज्य शासन एक करोड़ की पीड़ित परिवार को सहायता मुहैया करवाए और साथ ही में परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए साथ ही कांग्रेस ने शिवराज सरकार से मांग की है कि घटना की जांच सीबीआई द्वारा की जाए। 

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